Author: कविता बहार

  • रक्तदान पर अकिल खान की कविता

    रक्तदान पर अकिल खान की कविता

    खून

    कर सेवा दुःखीयों की बनालो एक अलग पहचान,
    वक्त में जो काम आऐ वो है सच्चा इंसान।
    जो करे बेसहारों का मदद वो पाता है सम्मान,
    इसलिए करो सहायता दूसरों की क्योंकि ये है, रक्तदान – महादान।

    कोई अपने ख्वाबों को पुरा करना चाहता है,
    अपनी दर्द भरी बिमारी से उभरना चाहता है।
    जो करे रक्त – दान रूपी सेवा उसका हो नित गुणगान,
    इसलिए करो सहायता दूसरों की क्योंकि ये है, रक्तदान – महादान।

    हम सब इंसानीयत का अलख जगाऐं,
    बेसहारों का बनकर सहारा उनके दुःखों को भगाऐं।
    पाकर रक्तदान मरीजों के चेहरे पर खिल उठता है मुस्कान,
    इसलिए करो सहायता दूसरों की क्योंकि ये है, रक्तदान – महादान।

    जो दूसरों के काम न आए बेकार है वो जिन्दगानी,
    जरूरतमंदों का करके सेवा लिखेंगे एक नई कहानी।
    देकर खुन पीड़ितों को बनाले अपना सारा जहान,
    इसलिए करो सहायता दूसरों की क्योंकि ये है,
    रक्तदान – महादान।

    बेदर्द – जालिम ये जमाना,
    मतलबी – फरेब सिर्फ झूठ का यहाँ फसाना।
    कर भला तो हो भला यही है सच्चा – ज्ञान,
    इसलिए करो सहायता दूसरों की क्योंकि ये है,
    रक्तदान – महादान।

    निःस्वार्थ सेवा कर दूसरों को अपना है बनाना,
    करके रक्तदान हमें नोकियाँ है कमाना।
    रक्तदान – महादान अभियान को सब मिलकर देंगे साथ,
    मिलेगा लाभ बेसहारों को तभी बनेगी बात।
    इससे बढ़ता है मनुष्य का इज्जत – मान और सम्मान,
    इसलिए करो सहायता दूसरों की क्योंकि ये है,
    रक्तदान – महादान।



    ——– अकिल खान रायगढ़ जिला – रायगढ़ (छ. ग.) पिन – 496440.

  • ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत – अनिल कुमार गुप्ता ‘अंजुम’

    ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत – अनिल कुमार गुप्ता ‘अंजुम’

    महादेव


    ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
    ख़ुदा की इबादत सिखाता है संगीत ।

    दिल के कोने में जब गुनगुनाता है संगीत
    स्वयं का खुदा से परिचय कराता है संगीत।

    कहीं माँ की लोरियों में गुनगुनाता है संगीत
    कहीं कृष्ण की बांसुरी में भाता है संगीत ।

    गायों की गले की घंटी से जन्म लेता संगीत
    कहीं बैलगाड़ी की घंटियों से उपजता संगीत।

    कहीं प्रेयसी को प्रेमी से मिलाता संगीत
    कहीं नवजात को मुस्कुराना सिखाता है संगीत ।

    संगीत का स्वयं से स्वयं का परिचय नहीं
    लोगों के सोये भाग्य जगाता है संगीत।

    बंज़र में भी फूल खिलाता है संगीत
    उदास चेहरे पर मुस्कान जगाता है संगीत ।

    कहीं खुदा की इबादत हो जाता है संगीत
    कहीं कुरआन की आयत , गीता के श्लोक हो जाता है संगीत।

    कहीं दूर चरवाहे के दिल में बसता संगीत
    कहीं पंक्षियों के कलरव से उपजता संगीत ।

    संगीत की कोई सीमा नहीं होती
    धरती के कण – कण में बसता है संगीत।

  • संगीत का दीवाना -अकिल खान

    संगीत का दीवाना

    संगीत का दीवाना -अकिल खान


    जब मन हो उदास तो, तुम सुन लेना संगीत,
    अपने हताश मन में खुशी कर लेना अंकित।
    खाली है जीवन तो भरलो संगीत का खजाना,
    यही है समझाना हर कोई , संगीत का दीवाना।

    विचलित हो जीवन तो संगीत काम आए,
    गम सारे भाग जाऐ जब कोई संगीत सुनाऐ।
    संगीत से है जीवन और संगीत से है जमाना,
    यही है समझाना हर कोई, संगीत का दीवाना।

    संगीत से मिलें सबको प्रेम का संदेश,
    हास्य – व्यंग्य की धुन से दूर होता क्लेश।
    शौर्य – वीरता की धुन से बंधा अपना देश,
    सुनकर जिसे मंत्र – मुग्ध हो चाहे रंक या नरेश।
    संगीत से जल उठे तानसेन का दीपक हमने है जाना,
    यही है समझाना हर कोई , संगीत का दीवाना।

    निर्जन हो या हो भीड़ में हर कोई लेता इसका मजा,
    नाचते खोकर सुध-बुध और बोलते फिर से बजा।
    शत्रुता को मिटाकर सबको है अपना बनाना,
    यही है समझाना हर कोई , संगीत का दीवाना।

    संगीत में अरमान खुशी ,संगीत में है सारा जहाँ,
    छोड़के इस खुबसूरत पल को जाऊँ मैं अब कहाँ।
    जो दिल को दे सुकून , वो संगीत जरा सुनाना,
    यही है समझाना हर कोई , संगीत का दीवाना।



    अकिल खान रायगढ़ जिला – रायगढ़ (छ.ग.) पिन – 496440.

  • ऐसा साल ना देना दुबारा

    ऐसा साल ना देना दुबारा

    kavita

    गुजरा हुआ ये साल
    कर गया सबको बेहाल।

    ना कोई जश्न ना कोई त्योहार
    बस घर की वो चार दीवार।

    कभी लिविंग रूम तो कभी बेडरूम
    यही थी दुनिया और यही थे सब।

    कभी हाफ पैंट, तो कभी ट्रैक पैंट
    पहनने मिला ही नहीं कभी कोट पैंट।

    ना कोई दोस्त मिला ना कोई रिश्तेदार
    बस फोन पे ही हुआ है सबका दीदार।

    ना कोई खेल ना कोई स्कूल
    मुरझा गए हम कोमल फूल।

    पॉजिटिव सुनके दिल घबराया
    नेगेटिव सुनके मन मुस्कराया।

    कई घरों ने इस साल में
    अपने स्वजन को भी गुमाया।

    खुशियां में तो चलो जा न पाए
    पर दुख में भी तो साथ निभा न पाए।

    हे ईश्वर परमेश्वर तुझे पुकारा
    ऐसा साल ना देना दुबारा।


    अमिषी उपाध्याय

  • जीवन का अमृत है संगीत (विश्व संगीत दिवस पर कविता)

    जीवन का अमृत है संगीत (विश्व संगीत दिवस पर कविता)

    जीवन का अमृत है संगीत (विश्व संगीत दिवस पर कविता)



    व्यथित जीवन में सुख का,
    एहसास कराता है संगीत।
    गम के बादलों से घिरे मन को,
    शांत कराता है संगीत।



    दुख सागर में,अटके जीवन नैया,
    उसको भी पार लगाता है संगीत।
    जीवन के हर मोड़ पर ,
    साथ निभाता है संगीत।



    दुख या गम हो कितने जीवन में,
    खुशियों की सौगात लाता है संगीत।
    सोए हुए अंतरात्मा को भी,
    पल भर में जगाता है संगीत।

    घातक रोग से पीड़ित मन को,
    प्रतिरोधक बन जिलाता है संगीत।
    औषधि बनकर कितनो के?
    जीवन बचाता है संगीत।



    प्रेम, भक्ति,और संतोषभाव,
    मन में जगाता है संगीत।
    अनर्थ और बुरे कर्मो से,
    ध्यान हटाता है संगीत।



    हर गम और झगड़े भुलाकर,
    प्रेम और मित्रता सिखाता है संगीत।
    मृत काया में भी अमृत बन,
    प्राण फूंक जाता है संगीत।



    सच्चा साथी बनकर मानव को,
    मानव से मिलाता है संगीत।
    सारे गम दुख को मिटाकर,
    सही राह दिखाता है संगीत।



    जब जब संगत करता हूं,
    मेरा हौसला बढ़ाता है संगीत।
    जीवन जीने की हमे,
    कला सिखलाता है संगीत।



    जीवन के हर मोड़ पर,
    मेरा मीत है संगीत।
    जीवनरक्षक और प्राणदायिनी,
    जीवन का अमृत है संगीत।


    महदीप जंघेल
    निवास – खमतराई
    विकासखंड-खैरागढ़
    जिला -राजनांदगांव( छ.ग)