गंगा दशहरा (20 जून) पर गीत

गंगा दशहरा (20 जून) पर गीत गोद में तुम सदा ही खिलाती रहो, प्यार से आज तुम ही दुलारो हमेंगंगा मइया यहाँ अब तारो हमें, कष्ट सारे मिटाकर उबारो हमें। मौत के बाद भी तो रहे वास्ता, तुम दिखाओ हमें स्वर्ग का रास्ताअस्थियाँ, भस्म सब कुछ समर्पित करें, फिर नई जिंदगी से भला क्यों डरें … Read more

नभ में छाए काले मेघ

नभ में छाए काले मेघ नभ में छाए काले मेघ.झूमती धरती इसको देख.बिन नीर प्यासी धरा पर,मेघ लाते आशाएं अनेक। खेत लहराए अपनी आँचल,बागों में आ जाती नई जान.रंग-बिरंगी कोमल पुष्पों से,छा जाती लबों में मुस्कान. हरियाली और खुशहाली,अब सुखहाली भी आएगी.बरसों से संजोया सपना ,वो भी अब पूरी हो जाएगी. आज तपी सूखी मिट्टी … Read more

होली पर्व -कुण्डलियाँ

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होली पर्व पर कुण्डलियाँ ( Holi par Kundaliya) का संकलन हिंदी में रचना आपके समक्ष पेश है . होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो आज विश्वभर में मनाया जाने लगा है।  होली पर्व – कुण्डलियाँ होली के इस पर्व पर, मेटे सब मतभेद।भूल … Read more

जिंदगी पर कविता

जिंदगी पर कविता ज़िंदगी,क्यों ज़िंदगी से थक रही है,साँस पर जो दौड़ती अब तक रही है। मंज़िलें गुम और ये अंजान राहें,कामयाबी चाह की नाहक रही है । भूख भोली है कहाँ वो जानती है!रोटियाँ गीली, उमर ही पक रही है। हो गए ख़ामोश अब दिल के तराने,बदज़ुबानी महफ़िलों में बक रही है। लाश पर … Read more

मिल्खा सिंह राठौड़ पर कविता

मिल्खा सिंह राठौड़ पर कविता उड़न सिक्ख मिल्खा सिंह जी, इक राजपूत राठौड़ भए।दौड़ दौड़ कर दुनियां में, दिल से दिल को जोड़ गए।। वो उस भारत में जन्मे थे, जो आज पाक का हिस्सा है।कहूं विभाजन की क्या मैं, जो इक काला किस्सा है।।सिंह साक्षी थे उसके, जहां मारे कई करोड़ गए… अपने प्रियजन … Read more