कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

जनसंख्या वृद्धि की कहानी

विश्व जनसंख्या दिवस पर कविता

11 जुलाई 1987 को जब विश्व की जनसंख्या पाँच अरव हो गई तो जनसंख्या के इस विस्फोट की स्थिति से बचने के लिए इस खतरे से विश्व को आगाह करने एवं बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने हेतु 11 जुलाई 1987…

सरसी छंद विधान / बीत बसंत होलिका आई/ बाबू लाल शर्मा

holika-dahan

सरसी छंद का विधान निम्नलिखित है: उदाहरण के रूप में: सरसी छंद विधान / बीत बसंत होलिका आई/ बाबू लाल शर्मा बीत बसंत होलिका आई,अब तो आजा मीत।फाग रमेंगें रंग बिखरते,मिल गा लेंगे गीत। खेत फसल सब हुए सुनहरी,कोयल गाये…

सार छंद विधान -ऋतु बसंत लाई पछुआई

सार छंद विधान -ऋतु बसंत लाई पछुआई सार छंद विधान- (१६,१२ मात्राएँ), चरणांत मे गुरु गुरु, ( २२,२११,११२,या ११११) ऋतु बसंत लाई पछुआई,बीत रही शीतलता।पतझड़ आए कुहुके,कोयल,विरहा मानस जलता। नव कोंपल नवकली खिली है,भृंगों का आकर्षण।तितली मधु मक्खी रस चूषक,करते…

हे प्रभु मेरी विनती सुन लो – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

इस रचना में प्रभु भक्ति के माध्यम से जीवन को दिशा मिले इसका प्रयास किया गया है |
हे प्रभु मेरी विनती सुन लो , प्रभु दर्शन की आस जगा दो - भजन - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "

चंद फूलों की खुशबू – अनिल कुमार गुप्ता

यह एक ग़ज़ल है जिसमे जिन्दगी को रोशन किस तरह से किया जाए इस बारे में जिक्र किया गया है |
चंद फूलों की खुशबू से कुछ नहीं होता - ग़ज़ल - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "