कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

आओ सच्चेे मीत बनाएँ

आओ सच्चेे मीत बनाएँ (१६,१६)आओ सच्चेे मीत बनाएँ,एक एक हम वृक्ष लगाएँ।बचपन में ये सुन्दर होते ,नेह स्नेह के भाव सँजोते। पालो पोषो गौरव होता।मधुर भाव हरियाली बोता।आज एक पौधा ले आएँ,आओ सच्चे मीत बनाएँ। यौवन मे छाँया दातारी,मीठे खट्टे…

वर्षा-विरहातप

वर्षा-विरहातप (१६ मात्रिक मुक्तक ) कहाँ छिपी तुम,वर्षा जाकर।चली कहाँ हो दर्श दिखाकर।तन तपता है सतत वियोगी,देखें क्रोधित हुआ दिवाकर। मेह विरह में सब दुखियारे,पपिहा चातक मोर पियारे।श्वेद अश्रु झरते नर तन से,भीषण विरहातप के मारे। दादुर कोकिल निरे हुए…

मीत देश वंदन की ख्वाहिश

मीत देश वंदन की ख्वाहिश धरती पर पानी जब बरसेमनभावों की नदियाँ हरषे।नमन् शहीदों को ही करलें,छोड़ो सुजन पुरानी खारिश।मीत देश वंदन की ख्वाहिश। आज नेत्र आँसू गागर है,यादें करगिल से सागर है।वतन हितैषी फौजी टोली,कर्गिल घाटी नेहिल बारिश,मीत देश…

पिता पर दोहे

पिता पर दोहे पिता क्षत्र संतान के, हैं अनाथ पितुहीन।बिखरे घर संसार वह,दुख झेले हो दीन।। कवच पिता होते सदा,रक्षित हों संतान।होती हैं पर बेटियाँ, सदा जनक की आन।। पिता रीढ़ घर द्वार के,पोषित घर के लोग।करें कमाई तो बनें,घर…

तिरंगा (चौपाई छंद)

तिरंगा (चौपाई छंद) आजादी का पर्व मनालो।खूब तिरंगा ध्वज पहरालो।।संगत रक्षा बंधन आया।भ्रात बहिन जन मन हर्षाया।।१ राखी बाँधो देश हितैषी।संविधान संसद सम्पोषी।।राखी बाँध तिरंगा रक्षण।राष्ट्र भावना बने विलक्षण।।२ जन जन का अरमान तिरंगा।चाहे बहिन भ्रात हो चंगा।।रक्षा सूत्र तिरंगा…