हिंदी संग्रह कविता- वीर बालक

वीर बालक हम प्रभात की नई किरण हैं,हम दिन के आलोक नवल।हम नवीन भारत के सैनिक,धीर, वीर, गम्भीर, अचल।हम प्रहरी ऊँचे हिमाद्रि के,सुरभि स्वर्ग की लेते हैं।हम हैं शांति-दूत धरणी के,छाँह सभी को देते हैं।वीर-प्रसू माँ की आँखों के,हम नवीन उजियाले हैं।गंगा-यमुना, हिन्द-महासागर,के हम रखवाले हैं।हम हैं शिवा-प्रताप, रोटियाँभले घास की खाएँगे।मगर किसी जुल्मी के … Read more

हिंदी संग्रह कविता-सुख-शांतिमय संसार हो

सुख-शांतिमय संसार हो सुख-शांतिमय संसार हो। पशु-शक्ति का न प्रयोग हो, सद्भाव का उपयोग हो, सबसे सदा सहयोग हो, निज चित्त पर निज वित्त पर सबका सदा अधिकार हो,सुख-शांतिमय संसार हो। व्यक्तित्व का सम्मान हो,निज देश का अभिमान हो,पर विश्व-हित का ध्यान हो,निज स्वार्थ में ही भूलकरकोई नहीं अनुदार हो,सुख-शांतिमय संसार हो। सबका सदा उत्कर्ष … Read more

हम उजाला जगमगाना चाहते हैं -केदारनाथ अग्रवाल

struggle

हम उजाला जगमगाना चाहते हैं -केदारनाथ अग्रवाल हम उजाला जगमगाना चाहते हैंअब अँधेरे को हटाना चाहते हैं। हम मरे दिल को जिलाना चाहते हैं,हम गिरे सिर को उठाना चाहते हैं। बेसुरा स्वर हम मिटाना चाहते हैं।ताल-तुक पर गान गाना चाहते हैं। हम सबों को सम बनाना चाहते हैं।अब बराबर पर बिठाना चाहते हैं। हम उन्हें … Read more

सपनों को साकार करें -प्रेमशंकर रघुवंशी

सपनों को साकार करें -प्रेमशंकर रघुवंशी आओ, हम सब भारत मां की माटी से श्रृंगार करें! यह वह धरती, जिसने हमको निज उत्सर्ग सिखाया है,यह वह धरती, जिसने हमको अपना अमिय पिलाया है।आज उसी धरती की रक्षा में अपने उद्गार करें! इस जीवन-धन से भी प्यारा हमको अपना देश है,अलग-अलग हैं पंथ हमारे, किन्तु एक … Read more

गाँव की महिमा पर अशोक शर्मा जी की कविता

village based Poem

गाँव की महिमा पर अशोक शर्मा जी की कविता गांव और शहर लोग भागे शहर-शहर , हम भागे देहात,हमको लागत है गाँवों में, खुशियों की सौगात। उहाँ अट्टालिकाएं आकाश छूती, यहाँ झोपड़ी की ठंडी छाँव।रात रात भर चलता शहर जब,चैन शकून से सोता गाँव। जगमग जगमग करे शहर, ग्राम जुगनू से उजियारा है।चकाचैंध में हम … Read more