संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने 1994 को अंतर्राष्ट्रीय परिवार वर्ष घोषित किया था। समूचे संसार में लोगों के बीच परिवार की अहमियत बताने के लिए हर साल 15 मई को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाने लगा है। 1995 से यह सिलसिला जारी है। परिवार की महत्ता समझाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
विश्व परिवार दिवस पर प्रियांशी की कविता
परिवार में होते कई सदस्य
सबकी अलग है भूमिका ।
कोई हर काम में तेज़ तो
तो कोई हर काम है फीका ।
कहीं दादा-पोते में है प्यार,
कहीं दादी की मीठी फटकार,
कहीं मम्मी की प्यारी डांट,
तो पापा के अपने ही ठांठ।
छोटों की चहल-पहल,
और होती बड़ों की गम्भीरता,
इन सबके मेल से होती
परिवार जनों में एकता।
परिवार का साथ है तो
लगता हर दिन त्योहार है,
जिसमें सबकी जीत हो,
ना होती किसी की हार है।
-प्रियांशी मिश्रा
उम्र:16