हर हर महादेव पर कविता

हर हर महादेव पर कविता – शंकर या महादेव सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। हर हर महादेव पर कविता हर-हर … Read more

पृथ्वीराज चौहान पर कविता(दोहा छंद) -बाबूलाल शर्मा विज्ञ

पृथ्वीराज चौहान पर कविता(दोहा छंद) -बाबूलाल शर्मा विज्ञ अजयमेरु गढ़ बींठली, साँभर पति चौहान।सोमेश्वर के अंश से, जन्मा पूत महान।। ग्यारह सौ उनचास मे, जन्मा शिशु शुभकाम। कर्पूरी के गर्भ से, राय पिथौरा नाम।। अल्प आयु में बन गए, अजयमेरु महाराज।माँ के संगत कर रहे, सभी राज के काज।। तब दिल्ली सम्राट थे, नाना पाल … Read more

गाय पर कविता (दोहा) – मदन सिंह शेखावत

गाय एक महत्त्वपूर्ण पालतू पशु है जो संसार में प्रायः सर्वत्र पाई जाती है। इससे उत्तम किस्म का दूध प्राप्त होता है। हिन्दू, गाय को ‘माता’ कहते हैं। इसके बछड़े बड़े होकर गाड़ी खींचते हैं एवं खेतों की जुताई करते हैं। भारत में वैदिक काल से ही गाय का महत्व रहा है। विकिपीडिया गाय पर कविता … Read more

वीर वीरमदेव और बाहुबली – शंकर आँजणा

आज वैशाख शुक्ल षष्ठी को इन्ही वीर वीरमदेव का बलिदान दिवस है , उनके श्री चरणों मे सादर प्रणाम।

स्वदेश पर कविता – गोपाल सिंह नेपाली

स्वदेशी का अर्थ है- ‘अपने देश का’ अथवा ‘अपने देश में निर्मित’। ओ स्वदेश की जवानियो, चलो उठो-उठो इतिहास की निशानियों, चलो उठो-उठोओ खून की खामियो, चलो उठो-उठोहम जन्म लें स्वतंत्र ही, स्वतंत्र ही मरें,तुम अर्चना करो, अमोघ अर्चना करो अधिकार लो, सदा न भीख माँगते रहोसंग्राम से जनम-जनम न भागते रहो।छाई घटा, चली हिलोर, … Read more