कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

शारदे माँ पर कविता

शारदे माँ पर कविता (1)हे शारदे माँ ज्ञान के,भंडार झोली डार दे।आये हवौं मँय द्वार मा,मन ज्योति भर अउ प्यार दे।।हे हंस के तँय वाहिनी,अउ ज्ञान के तँय दायिनी।हो देश मा सुख शांति हा,सुर छोड़ वीणा वादिनी।। (2)आ फूँक दे…

स्वदेश पर कविता-बाबूलालशर्मा

स्वदेश पर कविता करें जय गान!शहादत शान!सुवीर जवान!स्वदेश महान! करें गुण गान!सुधीर किसान!पढ़े इतिहास!बचे निज त्रास! धरा निज मात!प्रणाम प्रभात!पिता भगवान!सदा सत मान! रहे यश गान!स्वदेश महान!प्रवीर जवान!सुधीर किसान! ✍©बाबू लाल शर्मा, बौहरासिकंदरा,दौसा,राजस्थान Post Views: 50

यादें तो यादें है -विनोद सिल्ला

यादें तो यादें है -विनोद सिल्ला आ जाती हैं यादेंबे रोक-टोकनहीं है इन परकिसी का नियन्त्रणनहीं होने देतीआने का आभासआ जाती हैंबिना किसी आहट केदे जाती हैंकभी गम कातो कभी खुशी काउपहारजब भीआती हैं यादेंस्मृतियों केरंगमंच परचल पड़ता हैचलचित्र-सालौट आते…

गज़ल-मौत का क्या है

गज़ल-मौत का क्या है मौत का क्या है कभी तो आ ही जाएगी,,,हयात का क्या है कभी तो खत्म हो ही जाएगी,, सोचते रहते हैं हम तो उनके बारे में,,,इंतजार की घड़ी कभी तो खत्म हो ही जाएगी,, अंधेरा ही…

बसन्त ऋतु पर गीत

बसन्त ऋतु पर गीत लगे सुहाना मौसम कितना,मन तो है मतवाला।देख बसन्त खिले कानन में,फूलों की ले माला।। शीतलता अहसास लिए हैं,चलते मन्द पवन हैं।ऋतु बसन्त घर आँगन महके,जलते विरही मन हैं।।पंछी चहके हैं डाली पर,गाते गीत निराला।।लगे सुहाना………………………… ढाँक…