बारी के पताल-महेन्द्र देवांगन माटी
बारी के पताल वाह रे हमर बारी के पताल ।ते दिखथस सुघ्घर लाल लाल ।। गरीब अमीर दुनो तोला भाथे ।झोला मे भर भरके तोला लाथे ।। तोर बिना कुछु साग ह नइ मिठाये ।सलाद बनाके तोला भात मे खाये…
बारी के पताल वाह रे हमर बारी के पताल ।ते दिखथस सुघ्घर लाल लाल ।। गरीब अमीर दुनो तोला भाथे ।झोला मे भर भरके तोला लाथे ।। तोर बिना कुछु साग ह नइ मिठाये ।सलाद बनाके तोला भात मे खाये…
शरदपूर्णिमा पर कविता ओढ़ के चादर कोहरे कीसूरज घर से निकला थाकर फैला कर थोड़ी धूपदेने की, दिन भर कोशिश करता रहा सांझ ने जब दामन फैलायानिराश होकर सूरज फिर लौट गयाकोशिश फिर चाँद-सितारों ने भी की थीपर कोहरे की…
मौत पर कविता मौत तू जिंदगी का पड़ाव है याहै कुदरत का हसीन तोहफा है आगोश तेरा बहुत ही शांत -शीतलजो हैं दुनियां से नाराज़ उन्हें है मिलता सुकून तुझसे है तू कहाँ कब किसी के पास जाती हैहर किसी…
लिखना पढ़ना पर कविता पढ़ना लिखना चाहिए,जीवन में जी मस्त।शिक्षित करते हैं सभी,संकट को जी पस्त।।संकट को जी पस्त,होत हैं भारी ताकत।डरते कभी न भाय,भगे जी संकट सामत।।कह कवि अंचल मित्र,कभी मत डर को गढ़ना।मंजिल पाना सत्य,सदा सब लिखना पढ़ना।। अंचल…
मतदाता पर कुण्डिलयाँ?? भाग्य विधाता भाग्य विधाता देश का, स्वयं आप श्रीमान।मिला वोट अधिकार है, करिये जी मतदान।।करिये जी मतदान, एक मत पड़ता भारी।सभी छोड़कर काम, प्रथम यह जिम्मेदारी।।कहे अमित यह आज, नाम जिनका मतदाता।मिला श्रेष्ठ सौभाग्य, आप ही भाग्य…