कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

बेटी की व्यथा पर कविता -दूजराम -साहू

बेटी की व्यथा पर कविता करूण रस – अब न जन्मूँ “वसुंधरा” में, कर जोर विनती कह रही !सूर – कबीरा के “धरा” में,देखो “बेटी” जुल्म सह रही !! यहाँ – वहाँ, जाऊँ – कहाँ, पग – पग में बैठा…

बेटियों के नसीब में कविता- डॉ. पुष्पा सिंह’प्रेरणा’

बेटियों के नसीब में कविता बेटियों के नसीब में, जलना ही है क्याकाँटे बिछे पथ पर चलना ही है क्या विषम परिस्थितियों में ढलना ही है क्यासबके लिए खुद को बदलना ही है क्या धोखा छल-प्रपंच में छलना ही है…

कहां पर खो गया हिंदुस्तान?- शिवराज सिंह चौहान

कहां पर खो गया हिंदुस्तान? खुदा खौफ खाए बैठे,भयभीत भये भगवान।ये कैसा हो गया हिंदुस्तान,कहां पे खो गया हिंदुस्तान।। कोख में बैठी बेटी भी,ये सोच सोच घबराए।जन्म से लेकर मरण तलक,सब नोच नोच कर खाएं।।चिंताओं से घिरी हुई,वो ढूंढ रही…

कुण्डलिया की कुण्डलियाँ- कन्हैया साहू ‘अमित’

कुण्डलिया की कुण्डलियाँ। ********************************कुंडलिया लिख लें सभी, रख कुछ बातें ध्यान।**दोहा रोला जोड़ दें, इसका यही विधान।**इसका यही विधान,आदि ही अंतिम आये।**उत्तम रखें तुकांत, हृदय को अति हरषाये।**कहे ‘अमित’ कविराज, प्रथम दृष्टा यह हुलिया।**शब्द चयन है सार, शिल्प अनुपम कुंडलिया।*…

बलात्कार पर कविता

बलात्कार पर कविता हो रहे इन बलात्कारों का सबसे बड़ा जिम्मेदार।फिल्म, सीरियल मीडिया और विज्ञापन बाजार। अर्धनग्न तस्वीरों को मीडिया और इंटरनेट परोसता है।बालमन छुप-छुपकर इसमें ही अपना सुख खोजता है। फिल्मी गानें और नाच बच्चों को उकसाते हैं।विज्ञापन में…