नई राह पर कविता- बांकेबिहारी बरबीगहीया
नई राह पर कविता धन को धर्म से अर्जित करनातुम परम आनंद को पाओगे।सुख, समृद्धि ,ऐश्वर्य मिलेगी तुम धर्म ध्वजा फहराओगे।जीवन खुशियों से भरा रहेगायश के भागी बन जाओगे ।अपने धन के शेष भाग कोदान- पुण्य कर देना तुम ।दीन दुखियों…