कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

आगे परब झंडा के -बोधन राम निषादराज विनायक

mera bharat mahan

आगे परब झंडा के आगे परब झंडा के,दिन अगस्त मास म। चलो झंडा  लहराबो ,खुल्ला अगास म।। आगे परब झंडा के…………………. रंग केसरिया हे ,तियाग के  पहिचान के। खून घलो खौलिस हे,देश के जवान के।। आजादी मनावत हन,उंखरे परयास  म।…

बासुदेव अग्रवाल नमन – गणेश वंदना

गणेश वंदना  मात पिता शिव पार्वती, कार्तिकेय गुरु भ्राता।पुत्र रत्न शुभ लाभ हैं, वैभव सकल प्रदाता।। रिद्धि सिद्धि के नाथ ये, गज-कर से मुख सोहे।काया बड़ी विशाल जो, भक्त जनों को मोहे।।  भाद्र शुक्ल की चौथ को, गणपति पूजे जाते।आशु बुद्धि…

मेहनत पर विश्वास कर- डीजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”

मेहनत पर विश्वास कर               (1)आंख मूंद कर विश्वास न कर ,जज्बात में आकर विश्वास न कर।कुछ ठोस सबूत तो जान ले,सच्चे इंसान को पहचान कर।               (2)कोई…

जीवन के दोहों का संकलन

jivan doha

जीवन के दोहों का संकलन 1- है मलीन चादर चढ़ी, अंतः चेतन अंग। समझे तब कैसे भला, हूँ मैं कौन मलंग।। 2- प्रतिसंवेदक कॄष्ण हैं, लिया पार्थ संज्ञान। साध्य विषय समझे तभी, हुआ विजय अभियान।। 3- मैं अनुनादी उम्र भर,…

धारा तीन सौ सत्तर पैतींस ए -डाँ. आदेश कुमार पंकज

 धारा तीन सौ सत्तर पैतींस ए  सत्तर सालों में अब कोई नया उजाला लाया है । छप्पन इंची के सीने ने ही साहस दिखलाया है ।। बच्चों को बंदूकें देकर जहर घोलते फिरते थे । केसर की क्यारी जो जन…