नशे में चित
नशे में चित मेरा शहर है विख्यातनहरों की नगरी के नाम सेआज मैं घूमते-घूमतेपहुँचा नहर परपानी लड़खड़ाता-सातुतलाता-साहोश गवांकर बह रहा था बहते-बहतेपानी संग बह रहे थेप्लास्टिक के खालीडिस्पोजल गिलास-प्लेटचिप्स-कुरकरे के खाली पैकेटशराब व खारे कीप्लास्टिक की खाली बोतलेंजो फैंके गए…