बच्चे होते मन के अच्छे

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बच्चे होते मन के अच्छे खेल कूद वो दिन भर करते,रखते हैं तन मन उत्साह।पेड़ लगा बच्चे खुश होते,चलते हैं मन मर्जी राह।।मम्मी पापा को समझाते,बन कर ज्ञानी खूब महान।बात बडों का सुनते हैं वे,रखते मोबाइल का ज्ञान।। रोज लगा जंगल बुक देखें,पाते ही कुछ दिन अवकाश।बेन टेन मल्टी राजू को,मोटू पतलू होते ख़ास।।गिल्ली डंडा … Read more

अभाव-गुरु

अभाव-गुरु “उस वस्तु का नहीं होना” मैं,जरूरत सभी जन को जिसकी।प्रेरक वरदान विधाता का,सीढ़ी मैं सहज सफलता की।।1अभिशाप नहीं मैं सुन मानव,तेरी हत सोंच गिराती है।बस सोंच फ़तह करना हिमगिरि,यह सोंच सदैव जिताती है।।2वरदान और अभिशाप मुझेतेरे ही कर्म बनाते हैं।असफल हताश,औ’ कर्मविमुखमिथ्या आरोप लगाते हैं।।3तीनों लोकों में सभी जगह,मैंने ही पंख पसारे हैं।सब जूझ … Read more

सीमा पर है जो खड़ा

सीमा पर है जो खड़ा                           सीमा पर है जो खड़ा ,                          अपना सीना तान ।उसके ही परित्याग से ,                         रक्षित  हिंदुस्तान ।।रक्षित    हिंदुस्तान ,                   याद कर सब कुरबानी ।करे शीश का दान ,                    हिंद का अद्भुत दानी ।।कह ननकी कवि तुच्छ ,                    कहें सब अर्जुन भीमा ।पराक्रमी शूर  शौर्य ,                नहीं जिसकी बल सीमा … Read more

कर्म देवता

इस कविता के प्रत्येक चरण में 16 मात्रा वाले छंद का प्रयोग किया गया है:- मानव जीवन ईश्वर का रहस्यमय वरदान है।आज के मानव का एकमात्र उद्देश्य अति धन-संग्रह है,जिसके लिए वे अपनों का भी खून बहाने से नहीं हिचकते।वे भूल गए हैं कि जीवन क्षणिक है।मृत्यु पश्चात बेईमानी से संचित उस धन से,रिस्ते-नातों से … Read more

शपथ उठाती हूं मैं भारत की बेटी

शपथ उठाती हूं मैं भारत की बेटी शपथ उठाती हूं मैं भारत की बेटीमैं कभी भी  सर नहीं झुकाऊंगीलाख कर लो तुम भ्रूण की हत्याफिर भी जन्म मै लेती ही जाऊंगी। कब तक तुम मुझको मारते रहोगेकभी तो तुम्हें मुझपे तरस आएगीफिर भी अगर नहीं सुधरोगे अगरसोचो बेटों की बारात कहां जाएगी। कर लो तुम … Read more