भोजपुरी पर्यावरण लोक गीत -जून दुपहरिया में

जून दुपहरिया में

जून दुपहरिया मे देहिया जरेला |
सूखल होठवा पियासिया लगेला | 
सुना मोरे सइया |
कईसे बीतिहे गरमिया के दिनवा हमार |
सुना मोरे सइया |

पेड़वा का छांव नाही ,चले केवनों उपाय नाही |
टप-टप चुवेला पसीनवा चैन कही आय नाही |
सुना मोरे सइया |
ले आई देता एसी कूलर घरवा हमार |
सुना मोरे सइया |

गउआ एको नाही पेड़वा,सुखी गईले कुआ तलवा |
सुना भईले बृंदाबनवा पानी बिना चली कइसे हरवा|           
सुना मोरे सइया |
धु धु जरे बनवा सगरो जग संसार |
सुना मोरे सइया |

सुरूज़ के घाम जइसे अगिया बरसावेला |
पछुया बयार बहे जईसे देहिया दहकावेला |
सुना मोरे सइया |
बरसीहे कहिया झम झम दइबा हमार |
सुना मोरे सइया |

अबही से चेता सइया ,खूब पेड़वा लगावा |
जंगल ताल बचाई कुआ आपन देशवा बचावा|   
सुना मोरे सइया |
अईहे तहिया जीनिगिया मे बहार |
सुना मोरे सइया |

घूमे खातिर मन हमरो शिमला नैनीताल मंसूरी |
ठंढा ठंढा हवा बहे खाइब क्रीम बरफ जाइब जरूरी| 
सुना मोरे सइया | 
चला बनवाल जाई ओहिजे आपन घर बार |
सुना मोरे सइया |

श्याम कुँवर भारती [राजभर]

कवि ,लेखक ,गीतकार ,समाजसेवी ,मोब /वाहत्सप्प्स -9955509286

दिवस आधारित कविता