जग में तू आया मानव
जग में तू आया मानव इस जग में तू आया मानव,कर्म सुनहरा करने को।फिर क्यों बैठा सड़क किनारे,लिए कटोरा हाथों में।कंचन जैसे यह सुन्दर कायाव्यर्थ में कैसे झोंक दिया।आलस्य लबादा ओढ़के तूने,स्वाभिमान को बेच दिया।सक्षम होकर लाज न आयी,बिना कर्म कुछ पाने में।बिना हाथ का बेबस मानव,देखो कर्म को आतुर है।बोझा ढोकर बहा पसीना,खूब परिश्रम … Read more