कटुक वचन है ज़हर सम
कटुक वचन है ज़हर सम वाणी ही है खींचती भला बुरा छवि चित्रवाणी से बैरी बने वाणी से ही मित्रसंयम राखिए वाणी पर वाणी है अनमोलनिकसत है इक बार तो विष रस देती घोल। कटुक वचन है ज़हर सम मीठे…
कटुक वचन है ज़हर सम वाणी ही है खींचती भला बुरा छवि चित्रवाणी से बैरी बने वाणी से ही मित्रसंयम राखिए वाणी पर वाणी है अनमोलनिकसत है इक बार तो विष रस देती घोल। कटुक वचन है ज़हर सम मीठे…
बासंतिक नवरात्रि की आई मधुर बहार बासंतिक नवरात्रि की आई मधुर बहारआह्वान तेरा है मेरी मां आजा मेरे द्वारमंदिर चौकी कलश सज गएदर्शन दे माता दुर्गे होकर सिंह सवार।नौ दिन हैं नवरात्रि के नवरूप तेरे अपारलाल चुनर साड़ी सिंदूर से…
चुनाव का बोलबाला हर गली में बोलबाला है।अब वक्त बदलने वाला है।।जो चुनाव नजदीक आ गया,बहता दारू का नाला है।।उन्हें वोट चाहिए हर घर से,हर महिला इनकी खाला है।।साम, दाम, दण्ड, भेद अपनाए,सच की छाती पर छाला है।।झुग्गी में नेता …
कालचक्र गतिशील निरन्तर होता नहीं विराम कालचक्र गतिशील निरन्तर होता नहीं विराम,दुख के पर्वत,नदिया,नाले सुख का अल्प विराम।अब तक मुझको समझ न आया इस जगती का रागरास न आयी इसकी माया कैसे हो अनुराग !शिथिल हुआ है तन ये जर्जर …
सरस्वती दाई तोर पइयां लागव ओ ~~~~सरस्वती दाई तोर पइयां लागव ओ।कंठ में बिराजे जेकर भाग जागय ओ।तोरे आसरा म नान्हे लइका पढ़ जाथे।बुद्धि पाके ज्ञानी कलाकार बन जाथे।मन ल भरमा के तंय,धार ल ठहरा के तंय।डहके डुबत नइयां लागय…