कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

पालन अपना कर्म करो

पालन अपना कर्म करो पाया जीवन है मनुष्य का,पालन अपना कर्म करो ।जीव जंतुओं पशु पक्षी पर, व्यहार को अपने नर्म करो ।।जल प्रथ्वी से खत्म हो रहा ।और पारा बढ़ता गर्मी का ।।जीवों पर संकट मंडराए ।रहा अंश ना…

हे सुरूज देंवता अतका झन ततिया

हे सुरूज देंवता अतका झन ततिया हे सुरूज देंवता अतका झन ततिया।तोर हाँथ जोरत हँव तोर पाँव परत हँव आगी झन बरसा।।चिरई चिरगुन के खोंधरा तिप गे अंड़ा घलो घोलागे।नान्हे चिरई उड़े बर सीखिस ड़ेना ओकर भुंजागे।रूख राई जम्मो झवांगे…

मुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता है

मुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता है जिसे चाहो नज़र से वो ही अक्सर दूर होता हैमुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता हैबुलंदी चाहता पाना हरिक इंसान है लेकिनमुकद्दर साथ दे जिसका वही मशहूर होता है । सभी…

गर्दिश में सितारे हों

गर्दिश में सितारे हों गर्दिश में सितारे हों जिसके, दुनिया को भला कब भाता है,वो लाख पटक ले सर अपना, लोगों से सज़ा ही पाता है। मुफ़लिस का भी जीना क्या जीना, जो घूँट लहू के पी जीए,जितना वो झुके…

प्यार का पहला खत पढ़ने को

प्यार का पहला खत पढ़ने को प्यार का पहला खत पढ़ने को* तड़पी है यारी आँखें,पिया मिलन की* चाह में अक्सर रोती है सारी आँखें। सुधबुध खोकर जीता जिसने प्रीत का* रास्ता अपनायाप्रेम संदेशा पहुँचाये* वो जन – जन तक…