कब कैसे क्या बोले ?
कब कैसे क्या बोले ? वाणी एक दुधारू तलवार की तरह है।उचित प्रयोग करे तो अच्छा,नहीं तो बुरा।अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।ज्ञान की बात को सहेजकर रखते है।कब कैसे क्या बोले पता नहीं।जुबान फिसली तो रुका नहीं।मन को शांति…
हिंदी कविता संग्रह
हिंदी कविता संग्रह
कब कैसे क्या बोले ? वाणी एक दुधारू तलवार की तरह है।उचित प्रयोग करे तो अच्छा,नहीं तो बुरा।अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।ज्ञान की बात को सहेजकर रखते है।कब कैसे क्या बोले पता नहीं।जुबान फिसली तो रुका नहीं।मन को शांति…
कर्मठता की जीत स्वाभिमान मजबूत है , पोषण का है काज ।बैठ निठल्ला सोचता , बना भिखारी आज ॥लाचार अकर्मण्यता , मंगवा रही भीख ।काज बिना कर के करे , कुछ तो उससे सीख ॥आलसी लाचार बने , करे गलत…
आओ सब मिल कर संकल्प करें आओ सब मिल कर संकल्प करें।चैत्र शुक्ल नवमी है कुछ तो, नूतन आज करें।आओ सब मिल कर संकल्प करें॥मर्यादा में रहना सीखें, सागर से बन कर हम सब।हम इस में रहना सिखलाएं, तोड़े कोई…
हां मै कवि हूं जीने की राह दिखाता हूं।अपनी लेख से,लोगो को जगाता हूं।हा मै कवि हूं………रूठे मन को मनाता हूं।हास्य कविता लिखकरआम जनों को हसाता हूं।हां मै कवि हूं………कभी प्रकृति सौंदर्य।कभी श्रृंगार रस पर,नारी का वर्णन करता हूं।हां मै…
नमन हे विश्ववन्दनीय महावीर त्याग और अहिंसा की मूर्ति है महावीर।क्षमा और करूणा का सागर है महावीर।दर्शन ज्ञान चरित्र की ज्योति है महावीर।‘रिखब’का नमन हे विश्ववन्दनीय महावीर!राजा सिद्धारथ के घर जन्में,माता जिसकी त्रिशला रानी।तीर्थंकर प्रभु की याद दिलाने,आई प्यारी महावीर…