दहेज पर कविता
दहेज पर कविता बेटी कितनी जल गई , लालच अग्नि दहेज ।क्या जाने इस पाप से , कब होगा परहेज ।।कब होगा परहेज , खूब होता है भाषण ।बनते हैं कानून , नहीं कर पाते पालन ।।कह ननकी कवि तुच्छ…
दहेज पर कविता बेटी कितनी जल गई , लालच अग्नि दहेज ।क्या जाने इस पाप से , कब होगा परहेज ।।कब होगा परहेज , खूब होता है भाषण ।बनते हैं कानून , नहीं कर पाते पालन ।।कह ननकी कवि तुच्छ…
हम तुमसे प्यार करते हैं हाँ यही सच है हम तुमसे प्यार करते हैंजानेजाना हाँ यही सच है तुमपे मरते हैंतुम न होते हो तो तस्वीर से बतियाते हैंदिल के नज़दीक ला हम धड़कन तुम्हें सुनाते हैंहोश खो देते हैं…
सुनो तुम आ जाओ न सुनो तुम आ जाओ नकुछ अपनी भी सुनाओ नखफ़ा खफ़ा से लगते होथोड़ा सही मुस्कुराओ नयहाँ लोग बातें बनाते हैंनिगाहों को नहीं मिलाओ नबेख़ौफ़ हम रहते हैं मगरतुम तन्हा नहीं बुलाओ नज़िक्र मेरा हर सू…
कुण्डलिया अंदर की यह शून्यता , बढ़ जाये अवसाद ।संशय विष से ग्रस्त मन , ढूढ़े ज्ञान प्रसाद ।।ढूढ़े ज्ञान प्रसाद , व्यथित मन व्याकुल होता ।आत्म – बोध से दूर , … खड़ा एकाकी रोता ।।कह ननकी कवि तुच्छ…
पानी के रूप धरती का जब मन टूटा तो झरना बन कर फूटा पानी हृदय हिमालय का पिघला जब नदिया बन कर बहता पानी ।। पेट की आग बुझावन हेतु टप टप मेहनत टपका पानी उर में दर्द समाया जब जब आँसू बन कर बहता पानी ।।…