हे युवा उठो चलो जागो
हे युवा उठो चलो जागो कितनी बातें लिखेंगे??कितनी…. ईमानदारी से।डीजिटल हुई भावनाएँ,इंटरनेट की पहरेदारी से। कुछ बंधक है कुछ ग्रस्त,कुछ तो.. फसे भारी त्रस्त।जाने चहरे की वेदनाएँ क्यों,स्टेट्स के रास्ते गई व्यस्त। किसे फर्क पड़ता,कौन??किसने परोसा है आघात वज्र।युवा क्रांति लुप्त ना हो जायें,सोशल मीडिया क्षरण है बज्र। कुछ तो योग हो,कुछ ध्यान,हिमालय से उच्च … Read more