कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

बंद का समीकरण -रमेश कुमार सोनी

बंद का समीकरण-रमेश कुमार सोनी बंद है दुकानें, कारोबारभारत बंद का हल्ला हैलौट रहे हैं मज़दूर, कामगारअपने डेरों की ओर खाली टिफिन,झोला लिए हुए,बंद हैं रास्ते, अस्पतालशहर का सूनापन चुभ रहा है मुझेभूख का भेड़ियाबियाबान खामोशी फैलाकरलौट गया है अपने…

संगीत जरुरी है  

संगीत जरुरी है   जीवन  एक  मधुर   संगीत  है  ।इसे  सुर  लय  में  गाना  सीखो ।सात  सुरो  की स्वर मालिका  को,शुद्ध   कंठों  से  लगाना  सीखो ।। परमेश्वर   का    वरदान  है ,  संगीत  ।सुर  -लय  छंद   का  गान  है,  संगीत ।संगीत   नहीं …

तुम फूल नहीं बन सकती

तुम फूल नहीं बन सकती कलतुम गुल थी,गुलाब थी,एक हसीन ख्व़ाब थी।हर कोईदेखना चाहता था तुम्हें !हर कोई….छूना चाहता था तुम्हें !!कल तकपुरुष ने तुम्हेंकेवल कुचोंऔर नितम्बों केआकार में देखा..तुमकेवल वस्तु मात्र थी,उसकेउत्तुंग-विलास मेंछलछलातीमधु-पात्र थी ।तुम शाश्वत थीकिंतुउस समाज मेंतुम्हारा…

सुंदर सा मेरा गाँव

सुंदर सा मेरा गाँव यही सुंदर सा मेरा गाँवपले हम पाकर सबका प्यार।यहाँ बनता नहीं धर्म तनावयहीं अपना सुखमय संसार।बजे जब यहाँ सुबह के चारकरें जब नृत्य विपिन में मोर। दिशा पूरब सिंदूर उभारनिशा की गोद तजे  जब भोर।कृषक उठकर…

कौन हो तुम?-डॉ. पुष्पा सिंह’प्रेरणा

कौन हो तुम? शब्दों के चित्र,कोरे कागज़ पर,स्याही उड़ेलकर,कलम को कूची बनाकर,कविता की सूरत,बला की खूबसूरत!कैनवास पर,भावों का समर्पण करउकेर देते हो!कौन हो तुम?कवि या कोई चित्रकार?छेनी-हथोड़े की तरह,औजार बनाकर,तराशी उंगलियों से,गढ़ते हो..पत्थर की मूरत,बला की खूबसूरत!फिर–फूंक देते हो प्राण,साँसों…