हे युवा उठो चलो जागो

स्वामी विवेकानंद

हे युवा उठो चलो जागो कितनी बातें लिखेंगे??कितनी…. ईमानदारी से।डीजिटल हुई भावनाएँ,इंटरनेट की पहरेदारी से। कुछ बंधक है कुछ ग्रस्त,कुछ तो.. फसे भारी त्रस्त।जाने चहरे की वेदनाएँ क्यों,स्टेट्स के रास्ते गई व्यस्त। किसे फर्क पड़ता,कौन??किसने परोसा है आघात वज्र।युवा क्रांति लुप्त ना हो जायें,सोशल मीडिया क्षरण है बज्र। कुछ तो योग हो,कुछ ध्यान,हिमालय से उच्च … Read more

प्रिय का अनुपम श्रृंगार

प्रिय का अनुपम श्रृंगार चंदन, कालीयक, अंगरू, सुगंध मिल,क्या खूब बना है अंगराग।स्नान के जल पुष्प से सुरभित,लो कर लिए तुमने जलविहार,देख मेरा मन बोल उठा अब,प्रिय का अनुपम श्रृंगार ।। केसर,कमल,मंदार,शिरीष सब,शरीर की सज्जा बढ़ाती है,मुंह सुगंधित करने को तूम,तांबुल, पान जो खाती है,कानों में शोभित है झुमके,शोभ रहा नौलखा हार,देख मेरा मन बोल … Read more

मेरी प्यारी बहन पर कविता

मेरी प्यारी बहन पर कविता आज तेरी विदाई है मेरी प्यारी बहन ।अपनों से जुदाई है मेरी प्यारी बहन आज तेरी विदाई है मेरी प्यारी बहन। याद आते हैं वो प्यारे दिन,,जब तू जातीं थी मुझसे झगड़,,बाँध आँखों पे पट्टी मेरी,,कहती आ अब मुझे तू पकड़,सुन ना जा अब मुझे छोड़कर मेरी प्यारी बहन ।जान … Read more

हे दिवाकर तुम्हें प्रणाम

हे दिवाकर तुम्हें प्रणाम हे दिनकर ,दिवाकर,भानु,भास्कर,हे आक,आदित्य,दिनेश,मित्र,,हे सूर्य,अरुण,अंशुमालि,पतंग,हे विहंगम,प्रभाकर तू मार्तण्ड,इन्हीं ढेरों नाम में तेरा और है एक रवि नाम।हे दिवाकर तुम्हें प्रणाम, हे प्रभाकर  तुम्हें प्रणाम ।। इस श्रृष्टि में जब मेरा अस्तित्व नहीं था,हे मित्र।जब से मैं अस्तित्व में आया देखु तेरा,साक्षात चित्र।अद्भुत प्रकाश से दुनिया में उजाला करते हो,हे अंशुमालि।संसार को … Read more

अपना प्यारा गाँव

अपना प्यारा गाँव मिल जुलकर रहते सब लोग,,सत्य अहिंसा का आज भी प्रयोग,,अब भी बुजुर्गों को ही जानते हैं,,बस उन्हीं का फैसला मानते हैं,,एक दूसरे का साथ निभाते कभी न करते हैं छलाँव।यही है अपना प्यारा गाँव,यही है अपना न्यारा गाँव ।। धान और गेहूँ के लहलहाते पौधे,मिट्टी के अनुपम घरौंदे ,,सरसों के फूल उन्मुक्त … Read more