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भारत का लाज बन जायें

भारत का लाज बन जायें

भारत का लाज बन जायें।
मुल्क की नाज बन जायें।
युग – युग अमर कहाने
भारत का लाल बन जायें।

प्रण करें करबद्ध चित,
नित प्रतिदिन करते नमन।
सदैव ही मेरे वतन का,
इस धरा पर मैं लूँ जनम।

प्रेम के हम राग बन जायें।
मुल्क की नाज बन जायें।

रक्षक बन तत्पर भीड़ पड़े,
शत्रु के जब बढ़ते कदम।
आँच ना आये दामन पर,
लड़कर करें उनका पतन।

आँधी से तूफान बन जायें।
मुल्क की नाज बन जायें।

एकता की बल मिसाल दें,
ना टिकेंगे उनके क्रुर दमन।
भय से जीन से बेहतर है,
शहीदी की ओढ़ ले कफन।

जाँबाज इंकलाब बन जायें।
मुल्क की ताज बन जायें।

ना उजड़े मोहक दृश्य जमी,
अपने माँ है अनमोल रतन।
यह धूल माथे तिलक सजे,
प्राणों से  हम करें जतन।

तलवार और ढ़ाल बन जायें।
दुश्मन पर काल बन जायें।

झूकना हमें मंजूर नही है,
भले कफन मे जायें दफन।
होंगे कामयाब वीर सिपाही,
क्योंकि है यह मेरा वतन।

गौरव का ताज बन जायें।
मुल्क की आवाज बन जायें।
युग – युग अमर कहाने,
भारत का लाल बन जायें।

तेरस कैवर्त्य (आँसू)
(शिक्षक)
सोनाडुला, (बिलाईगढ़)
जिला – बलौदाबाजार (छ.ग.)

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