बसंत बहार
बसंत बहारशरद फुहार जाने लगीबसंती बहार आने लगी !कोयल की कूक गुंजे चहुँ ओरधीरे - धीरे धूप तेज कदम नेंबाग में आम…
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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०तेरस कैवर्त्य के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .