by कविता बहार | May 10, 2022 | हिंदी कविता, हिंदी बाल कविता
खरबूज बाल कविता हरे रंग खरबूज के,होते हैं ये गोलकाले-काले बीज भी,लगते हैं अनमोल।।करते हैं ये फायदे,पानी भी भरपूर।खाते सब खरबूज को,पूँजीपति मजदूर।।मीठे फल खरबूज के,उपज नदी मैदान।लाल-लाल होते गुदे,खाने में आसान।।नदियों के तट पर लगे,जहाँ बिछी हों रेत।खेती हों खरबूज... by कविता बहार | May 10, 2022 | हिंदी कविता, हिंदी बाल कविता
बाल कविता भूट्टे की भड़ास एक भूट्टा का मूंछ पका था,दूसरे भूट्टे का बाल काला।डंडा पकड़ के दोनों खड़े थे,रखवाली करता था लाला।।शर्म के मारे दोनों ओढ़े थे,हरे रंग का ओढ़नी दुशाला।ठंड के मौसम टपकती ओस,खूब पड भी रहा था पाला।।मारे ठंड के दोनों ही भूट्टे,मांगने लगे चाय का... by कविता बहार | May 4, 2022 | हिंदी कविता, हिंदी बाल कविता
चिड़िया पर बालगीत – चुनमुन और चिड़िया बाल कविता चुनमुन पूछे चिड़िया रानी, छुपकर कहाँ तुम रहती हो?मेरे अंगना आती न तुम, मुझसे क्यों शर्माती हो?नाराज हो मुझसे तुम क्यों? दूर – दूर क्यों रहती हो?आओ खेलें खेल- खिलौने, डरकर क्यों छुप जाती हो?चिड़िया उदास होकर... by कविता बहार | Mar 11, 2022 | हिंदी कविता, हिंदी बाल कविता
चुन्नू-मुन्नू दोनों भाई बाल कविता चुन्नु मुन्नु दोनों भाई,रसगुल्ले पर हुई लड़ाई।चुन्नू बोला मैं भी लूँगामुन्नू बोला मैं भी लूँगा।इतने में ही दीदी आई,दीदी ने दो चपत लगाई।ऐसा झगड़ा कभी करना,दोनों मिलकर प्रेम से... by कविता बहार | Jan 29, 2022 | हिंदी कविता, हिंदी बाल कविता
बाल कविता सुन्दर वन में – पद्ममुख पंडा सुन्दर वन में, एक अजब सा खेल हो गया,टिमकु भालू और चमकी बंदरिया का मेल हो गया।आपस में, दोनों को इतना प्यार हो गया,कि, हमेशा एक दूसरे का मदद गार हो गया। जंगल में इसकी चर्चा खूब चलने लगी,चंपक शेर को यह बात बहुत खलने लगी।चमकी...
by कविता बहार | Jun 6, 2021 | हिंदी बाल कविता
कविता का शीर्षक: मेरी कक्षा कवि: अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम” प्रसंग: यह कविता एक विद्यार्थी के दृष्टिकोण से लिखी गई है, जो अपनी कक्षा के प्रति गहरा लगाव रखता है। कविता में कक्षा को विद्यालय का शान बताया गया है। कक्षा में शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है और...