चुन्नू-मुन्नू दोनों भाई
चुन्नू-मुन्नू दोनों भाई
चुन्नु मुन्नु दोनों भाई,
रसगुल्ले पर हुई लड़ाई।
चुन्नू बोला मैं भी लूँगा
मुन्नू बोला मैं भी लूँगा।
इतने में ही दीदी आई,
दीदी ने दो चपत लगाई।
ऐसा झगड़ा कभी करना,
दोनों मिलकर प्रेम से रहना।
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चुन्नू-मुन्नू दोनों भाई
चुन्नु मुन्नु दोनों भाई,
रसगुल्ले पर हुई लड़ाई।
चुन्नू बोला मैं भी लूँगा
मुन्नू बोला मैं भी लूँगा।
इतने में ही दीदी आई,
दीदी ने दो चपत लगाई।
ऐसा झगड़ा कभी करना,
दोनों मिलकर प्रेम से रहना।
"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।