नवीन कल्पना करो- गोपालसिंह नेपाली

नवीन कल्पना करो कविता संग्रह तुम कल्पना करो, नवीन कल्पना करो। तुम कल्पना करो। अब घिस गईं समाज की तमाम नीतियाँ,अब घिस गईं मनुष्य की अतीत रीतियाँ,हैं दे रहीं चुनौतियाँ तुम्हें कुरीतियाँ,निज राष्ट्र के शरीर के सिंगार के लिए-तुम कल्पना करो, नवीन कल्पना करो। तुम कल्पना...

हिंदी संग्रह कविता-नये समाज के लिए

नये समाज के लिए नये समाज के लिए नया विधान चाहिए।असंख्य शीश जब कटेस्वदेश-शीश तन सका,अपार रक्त-स्वेद से,नवीन पंथ बन सका।नवीन पंथ पर चलो, न जीर्ण मंद चाल से,नयी दिशा, नये कदम, नया प्रयास चाहिए।विकास की घड़ी में अब,नयी-नयी कलें चलें,वणिक स्वनामधन्य हों,नयी-नयी, मिलें...

हिंदी कविता-ज्योति यह जले

ज्योति यह जले कविता संग्रह सूत्र संगठन सँभाल, ज्योति यह जले।कोटि-कोटि दीप-माल ज्योति यह जले। राष्ट्र अंधकार के विनाश के लिए,चिर अतीत के धवल प्रकाश के लिए।बुद्धि के, विवेक के विकास के लिएवृद्धि के समृद्धि के प्रयास के लिए।त्याग की लिए मशाल, ज्योति यह जले। सूत्र...

हिंदी कविता-जन्म चाहिए प्यारे हिन्दुस्तान में

जन्म चाहिए प्यारे हिन्दुस्तान में एक हमारी छोटी विनती, भगवन ! रखना ध्यान में,हमें हमेशा पैदा करना, प्यारे हिन्दुस्तान में ॥ सिर पर है हिम मुकुट सलोना, कंठहार गंगा-यमुना,हरियाली की चादर मनहर, फूल – फलों का है गहना।चन्दन भरी हवा लहराती, प्यारे हिन्दुस्तान में ॥ एक...

हिंदी संग्रह कविता-इतनी शक्ति हमें देना

कविता संग्रह इतनी शक्ति हमें देना इतनी शक्ति हमें देना दाता,मन का विश्वास कमजोर हो ना।हम चलें नेक रास्ते पे हमसे,भूल कर भी कोई भूल हो ना।दूर अज्ञान के हों अँधेरे,तू हमें ज्ञान की रोशनी दे।हर बुराई से बचते रहें हम,जितनी भी दे भली जिंदगी दे।बैर हो ना किसी का किसी...
कवि बैरागी की कविता: आशीषों का आँचल

कवि बैरागी की कविता: आशीषों का आँचल

कवि बैरागी की कविता: आशीषों का आँचल कवि बैरागी की कविता: आशीषों का आँचल आशीषों का आँचल भरकर, प्यारे बच्चो लाई हूँ।युग जननी मैं भारत माता, द्वार तुम्हारे आई हूँ। तुम ही मेरे भावी रक्षक, तुम ही मेरी आशा हो।तुम ही मेरे भाग्यविधाता, तुम ही प्राण पिपासा हो। मर्यादा का,...