चालान- धनेश्वर पटेल
चालान
एक दिन निकले हम सैर पर
तो हेलमेट लगाना भूल गए
हुआ हादसा कुछ ऐसा कि
फटफटिया चलाना भूल गए!
स्पीड बढ़ी कांटा लटका दूसरी छोर
हम समझ थे अपने बाप की रोड़
बुलेट घुमाई और मुड़े घर की ओर
ट्रैफिक पुलिस खड़ी थी दूसरी ओर
उनकी नजरों ने हमें देखा
इन सहमी नजरों ने उन्हें देखा
देख भागते जोर की सीटी बजाई
पकड़े तो गए करनी पड़ेगी भरपाई
थोड़ा चिल्लाया फिर मुस्कुराया
चालान की पर्ची हमें दिखाया
हमने जेब से सौ दो सौ की नोट निकाली
और झट से उनकी जेब में पकड़ा दी
जोर जोर हंसे और फिर कुछ कहने लगे
लो बेटा आखिर तूने अपनी औकात दिखा दी
लाइंसेंस मांगी,बीमा मांगा,
और ना जाने क्या क्या मांगा
शुक्र था कि हमसे किडनी ना मांगा
सब थे मेरे पास पर उन्हें तो घर पर था टांगा
हमने उनके कानों में चुपके से कहा
भई घर में बीबी से हो गई हमारी लड़ाई
वापस घर गए तो होगी अच्छी पिटाई
उसे जेब में से पांच की नोट और दिखाई
एक न सुनी हमारी और चालान भरवाई
वो बीते पल याद आने लगें
अपनी किस्मत पर पछताने लगे
अच्छी खासी साइकिल थी मेरे पास
तो क्यों दहेज की मोटरसाइकिल चलाने लगे
©धनेश्वर पटेल
रायगढ़ छत्तीसगढ़
संपर्क सूत्र -7024601095