तेरे लिए पर कविता- R R SAHU

तेरे लिए पर कविता

दिन की उजली बातों के संग,मधुर सलोनी शाम लिखूँ।
रातें तेरी लगें चमकने,तारों का पैगाम लिखूँ।।

पढ़ने की कोशिश ही समझो,जो कुछ लिखता जाता हूँ।
गहरे जीवन के अक्षर की थाह कहाँ मैं पाता हूँ।।

है विराट अस्तित्व मगर मेरी छोटी मर्यादा है।
इसको ही सुंदर कर पाना समझो नेक इरादा है।।

मेरी बातों में खोजो तो,बस इतना ही पाओगे।
अपनी खोज चला हूँ करने,क्या तुम भी अपनाओगे।।

मंजिल जिसको समझा था मैं पाया तो जाना पथ है।
दिशा-दशा अनभिज्ञ दौड़ता जाता यह जीवन-रथ है।।

नहीं कहा जा सकता मुझसे औरों का कर्तव्य कभी।
अपना कर्म करें खुद निश्चित जीवन होगा भव्य तभी।

——–R.R.Sahu

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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