शुभ दीपावली
शुभ दीपावली आई है,
मिलकर दीप जलाएँ।
सजे द्वार हरदम चमके,
घर आँगन महकाएँ।।
अंतर्मन भरे रोशनी,
छल, द्वेष, अहम मिट जाए।
आत्मसात कर सद्गुणों का,
तन-मन शुद्ध बनाएँ।।
रघुवर जैसे चरित बने,
हम शीलवान बन जाएँ।
सदा निश्चल भाव भरे मन,
श्री राम की महिमा गाएँ।।
प्रीत बंध मर्यादा से,
जीवन को चलो सजाएँ।
दीपों का उत्सव मनभावन,
खुशियाँ बाँटें, पाएँ।।
साफ करें हम दुर्गुणों को,
तभी जीवन में उजाला है।
क्षण भंगुर इस दुनिया में,
जिधर देखो सब काला है।।
करें संकल्प इस पर्व पर,
घर संग चरित महकाना है।
उज्जवल रंगोली जीवन रंगे,
खुशियों का दीप जलाना है।।
पूजन कर माँ लक्ष्मी,
कृपा सुखद पा जाएँ।
रिद्धि-सिद्धि धन संपदा,
सबके घर में आएँ।।
*~ डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’*
*रायपुर (छ.ग.)*

Kavita Bahar Publication
हिंदी कविता संग्रह

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