गणतंत्र दिवस – अकिल खान

गणतंत्र दिवस – अकिल खान

Republic day

भारत की शान पर हो जाऊंँ कुर्बान,
लब पे सदा रहे भारत का गुणगान।
देश के संविधान का एसा हुआ था आरंभ,
26जनवरी1950 को गणतंत्र हुआ प्रारंभ।


हिंदुस्तान है वीर पराक्रम योद्धाओं से भरा,
देख युद्ध कौशल-साहस दुश्मन हम से डरा।
बनो नेक इंसान न करो अनर्गल-बहस,
मुबारक हो आप सभी को,गणतंत्र दिवस।

इस आजादी की ख़ातिर कितने हुए बलिदान,
मंगल पांडे लक्ष्मीबाई महात्मा गांधी जी महान।
देश-प्रेम को अपनाकर देशद्रोहियों को भगाइए,
परोपकार से नित-दिल में देश प्रेम को जगाइए।


वीरों के पुत्र हो न,रखो हृदय में कशमकश,
मुबारक हो आप सभी को,गणतंत्र दिवस।
भारतीय सविधान के निर्माता को सादर नमन,
भीमराव अंबेडकर जी थे स्वतंत्रता का चमन ।दुश्मन-अंग्रेजों की कूटनीति,हुआ था विफल,
क्रांतिकारियों के कारण ये मुहिम हुआ सफल।


मनाओ सभी 73वें गणतंत्र दिवस की-यश,
मुबारक हो आप सभी को,गणतंत्र दिवस।

हिंदुस्तान के सपूतों एक वादा करना,
देश के दुश्मनों से हरगिज़ न डरना।
नित करो अपने मातृभूमि से प्यार,
देश रक्षा के लिए सदैव रहो तैयार।


आतंकवाद-सांप्रदायिकता को दूर भगाओ,
राष्ट्र रक्षा के लिए अभी से तैयार हो जाओ।
दो सबको खुशियां न करो किसी को विवश,
मुबारक हो आप सभी को,गणतंत्र दिवस।

हिंदू-मुस्लिम,जैन-बौद्ध,और सिख-ईसाई,
न करो लड़ाई आपस में है सब भाई-भाई।
याद रखो,एकता में ही है बल और शक्ति,
सदैव हृदय में रहे हिन्दुस्तान की भक्ति।


देश के वीरों दिल में रहे देश भक्ति का रस,
मुबारक हो आप सभी को,गणतंत्र दिवस।

सब मिलकर फहराएं तिरंगा ये देश की शान है,
सभी राष्ट्रों से अनमोल हमारा हिन्दुस्तान है।
कहता है “अकिल” भारत देश है सबसे प्यारा,
विश्व गुरू कहें-जन,सबके आंखों का है ये तारा।


ज्ञान के प्रकाश से दूर हो अज्ञानता का तमस,
मुबारक हो आप सभी को, गणतंत्र दिवस।

अकिल खान रायगढ़ जिला – रायगढ़ (छ.ग)

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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