क्यूँ झूठा प्यार दिखाते हो

क्यूँ झूठा प्यार दिखाते हो

क्यूँ झूठा प्यार दिखाते हो क्यूँ  झूठा  प्यार  दिखाते  हो ….दिल  रह  रह  कर  तड़पाते  हो .. गैरों  से  हंसकर  मिलते  होबस  हम  से  ही  इतराते  हो घायल  करते  हो  जलवों  से …नज़रों  के  तीर  चलाते  हो … जब  प्यार  नहीं  इज़हार  नहीं …फिर  हम  को  क्यूँ  अज़माते  हो .. आ  जाओ हमारी  बांहों  में … Read more

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दिलीप कुमार पाठक सरस का ग़ज़ल

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दिलीप कुमार पाठक सरस का ग़ज़ल जिंदादिली जिसकी बदौलत गीत गाना फिर नया |हँसके ग़ज़ल गाते रहो छेड़ो तराना फिर नया || है जिंदगी जी लो अभी फिर वक्त का कोई भरोसा है नहीं |पल भर ख़ुशी का जो मिले किस्सा सुनाना फिर नया || हँसना हँसाना रूठ जाना फिर मनाना आ गया |अच्छा लगे  … Read more

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बेवफ़ाई पर ग़ज़ल – माधुरी डड़सेना ” मुदिता”

गज़ल

बेवफ़ाई पर ग़ज़ल क्या शिकायत करें जब वफ़ा ही नहींफासले बढ़ रहे अब ख़ता ही नहीं। क्यूं उदासी यहाँ घेर डाला हमेंरोशनी दिल जिगर में हुआ ही नहीं। गर्दिशों में फँसी नाव मेरी यहाँबस धुँआ ही रहा मैं जला ही नहीं । आरजू थी चले हमसफ़र बनके हमदर्द इतना बढ़ा की दुआ ही नहीं । … Read more

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मां पर गजल

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यहां पर माधुरी डर सेना द्वारा मां पर बेहतरीन ग़ज़ल लिखा गया है।यहाँ मान पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। मां पर गजल बड़ी खूबसूरत सी सौगात … Read more

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आज कल अवसाद से गुजर रहा हूं मैं

कविता संग्रह

*ग़ज़ल* आज कल अवसाद से गुज़र रहा हूं मैं। बिना तेरे निबाह! कैसे उमर रहा हूं मैं। एक उम्र तक जिंदगी से गिला न रहा, जिंदगी के साये से अब डर रहा हूं मैं। तू था साथ,तो हसीन थे दिन रात मेरे, अब पशोपेश से दो चार कर रहा हूं मैं। नाकाम आशिक,सौदाई भी नहीं … Read more

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आस टूट गयी और दिल बिखर गया

कविता संग्रह

ग़ज़ल* •••••••••••••••••••••••••••••••••• आस टूट गयी और दिल बिखर गया। शाख से गिरकर कोई लम्हा गुज़र गया। उसकी फरेबी मुस्कान देख कर लगा, दिल में जैसे कोई खंजर उतर गया। आईने में पथराया हुआ चेहरा देखा, वो इतना कांपा फिर दिल डर गया। वहां पहले से इत्र बू की भरमार थी, गजरा लेकर जब उसके मैं … Read more

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ग़ज़ल -विनोद सिल्ला

कविता संग्रह

ग़ज़ल -विनोद सिल्ला कैसी-कैसी हसरत पाले बैठे हैं।गिद्ध नजर जो हम पर डाले बैठे हैं।। इधर कमाने वाले खप-खप मरते हैं,पैसे वाले देखो ठाले बैठे हैं।। खून-पसीना खूब बहाते देखे जो,उनसे देखो छीन निवाले बैठे हैं।। नफरत करने वाले दोनों और रहे,कुछ मस्जिद तो बाकि शिवाले बैठे हैं।। खेत कमाते मिट्टी में मिट्टी होकर,सेठ बही … Read more

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लक्ष्य पर ग़ज़ल – सुशी सक्सेना

कांटों भरा हो या फूलों भरा, जारी ये सफ़र रखना,कदम जमीं पर हो, मगर आसमां पर नजर रखना। मुश्किलों भरीं हैं, ये राहें जिंदगी की, ऐ साहिबचैन न मिले तो उलझनों में ही हंसी बसर रखना। खोने न देना होश, कामयाबियां जब कदम चूमेगमों में दिल के टुकड़ों को अपने सभांल कर रखना यूं तो … Read more

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सादगी पर सायरी

कविता संग्रह

सादगी पर सायरी सादगी की सुरत सुहानी बनावट की बातों का काम नहीं है। सादगी की खुबसूरत जवानी बेतहासा सजावट का काम नहीं है। सादगी की जरूरत जिसने जानी अधिक जरूरत का कोई काम नहीं है। सादगी की है सफल कहानी सफर में थकावट का काम नहीं है। राजीव कुमार बोकारो स्टील सिटी झारखण्ड 8797905224

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