गिरिराज गोवर्धन की महिमा

गिरिराज गोवर्धन की महिमा

shri Krishna
Shri Krishna

संसार में भक्ति प्रेम अनुरक्ति से मिलता छप्पर फाड़।
ब्रज वासियों की रक्षा में उठाये कृष्ण गोवर्धन पहाड़।

द्वापर युग की बात,क्यों पूजन करें हम इंद्र देवता को।
जब गिरि गोवर्धन चारा दें,सिचिंत करें धरती मात को।
जिनसे हम ब्रज वासियों को,मिलता है लाभ साक्षात।
पूजन करें गिरि गोवर्धन की,सह लेंगें इंद्र के ताप को।
जब पूजित सुन्दर घनश्याम थे,ब्रज रक्षक ब्रज बाड़।1।

संसार में भक्ति………………………..

ब्रज वासियों के गोवर्धन पूजा से,इंद्र ने मूसलाधार वर्षा किया।
ब्रज की रक्षा को कृष्ण ने गिरिराज को उंगली पर उठा लिया।
अपने मन से कोई भी महान नहीं होता,जग को ये बता दिया।
अंत में इंद्र ने ब्रज जाकर श्रीकृष्ण से अपनी गलती जता दिया।
परोपकार ही सबसे बड़ा धन जग पूजेगा गोवर्धन पहाड़।2।

संसार में भक्ति………………….

ब्रज की धरती में बिराजे शिलापति गिरिराज गोवर्धन महाराज।
चहुँदिसि सरोवर,तरुवर,उपवन,लता सघन सुहावन गिरिराज।
दीवाली के अगले दिन करते अन्नकूट(गोवर्धन पूजा)का काज।
चलो मिलके पूजन करें हम सभी,कृपा करेंगें श्रीकृष्ण महाराज।
श्रीकृष्ण जी बड़े दयालु कृपालु देते हैं सबको छप्पर फाड़।3।

संसार में भक्ति………………………

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