भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले।
डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे भारत जैसे महान् राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उनका जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
गुरु ज्ञान का सागर
जीवन की सबसे पहले गुरु ,
माता पिता होते हैं ,
जीवन में गुरु का नाम ,
सबसे ऊँचा होता हैं ,
गुरु जीवन में मेरे ,
साइकिल के पहिए जैसा होते हैं ,
गुरु ज्ञान का सागर ,
गुरु महासागर होते हैं !
गुरु बिन ज्ञान हमें ,
कभी नहीं मिलता ,
गुरु बिन जीवन की कल्पना ,
कभी नहीं होती ,
गुरु जीवन में हमें ,
सभी रास्ते दिखाते हैं ,
गुरु ज्ञान का सागर ,
गुरु महासागर होते हैं !
अच्छे गुरु हमें प्यार करते हैं ,
फिर मेरे जीवन के लक्ष्यों के ,
नज़दीक लेकर पहुँचाते हैं ,
गुरु का ज्ञान का दक्षिणा देकर हमें ,
जीवन भर कर्ज़दार बनाते है ,
हम गुरु का कर्ज को ,कभी ना भूल पाते है ,
उनका ज्ञान जैसे कर्ज से ,
हम उनका मान सम्मान बढ़ाते है ,
गुरु ज्ञान का सागर ,
गुरु महासागर होते है !