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हे प्रभु मेरी विनती सुन लो – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

हे प्रभु मेरी विनती सुन लो – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

कविता संग्रह
कविता संग्रह

हे प्रभु मेरी विनती सुन लो , प्रभु दर्शन की आस जगा दो

मुख मंडल की शोभा न्यारी , प्रभु अपनी छवि हेमे दिखा दो

चरण कमल हम आये तुम्हारी , ह्रदय से अपने प्रभु लगा लो

तुम हो सबके दुःख के साथी , बीच भंवर से पार लगा दो

सच की हमको राह दिखा दो , मन दर्पण को पावन कर दो

पुष्पों की खुशबू सा जीवन , उपवन का हमको फूल बना दो

सुन्दर मन , काया हो सुन्दर , हे प्रभु नैया पार लगा दो

रत्नाकर सा व्यापक हो ह्रदय , संस्कारों की राह दिखा दो

मन पावन हो जाए प्रभु जी , धन , वैभव अम्बार लगा दो

भक्ति रस से सरावोर हो जीवन , चरण कमल प्रभु पास बिठा लो

मंगल कर्म सभी हों मेरे , जीवन मुक्ति मार्ग दिखा दो

हर्षित हो मन , हर्षित हो तन , ऐसे प्रभु मेरे भाग्य जगा दो

सूर्य सा प्रभु तेज हो मेरा , ऐसे आसमां पर मुझे बिठा दो

संसार मोह से मुक्त करो प्रभु, जीवन को सत राह दिखा दो

मन हो निर्मल, कर्म हो मंगल , ऐसे पुण्य प्रयास करा दो

बन जाऊं मैं पूर्ण सन्यासी , वन हेतु प्रस्थान करा दो

मंगल कारज पूर्ण करो सब , मंगल कार्यों में मुझे लगा दो

माया मोह में मैं न उलझूं , प्रभु मुझको तुम राह दिखा दो

हे प्रभु मेरी विनती सुन लो , प्रभु दर्शन की आस जगा दो

मुख मंडल की शोभा न्यारी , प्रभु अपनी छवि हेमे दिखा दो

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