मेरी कक्षा पर कविता – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

कविता का शीर्षक: मेरी कक्षा

कवि: अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

प्रसंग: यह कविता एक विद्यार्थी के दृष्टिकोण से लिखी गई है, जो अपनी कक्षा के प्रति गहरा लगाव रखता है। कविता में कक्षा को विद्यालय का शान बताया गया है। कक्षा में शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है और सभी विद्यार्थी एक-दूसरे के प्रति मित्रवत व्यवहार करते हैं।

मेरी कक्षा पर कविता - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "

मेरी कक्षा पर कविता – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

मेरी कक्षा मेरे विद्यालय की शान है।
मेरी कक्षा में शिक्षकों को मिलता सम्मान है।

मेरी कक्षा की बात निराली
सब बच्चों की सूरत लगती है भोली- भाली।

पढ़ाई में हमारा न कोई सानी है
पढ़ते समय हमें याद आती नहीं नानी है।

मेरी कक्षा के टीचर की बात ही कुछ और है
पढ़ाने में बच्चों को लगाते पूरा जोर हैं।

मेरी कक्षा में कभी तकरार नहीं होती
मेरी कक्षा में कभी भी लड़ाई नहीं होती।

मेरी कक्षा में सब समय पर स्कूल आते हैं
प्रभु को याद करने सब प्रार्थना में जाते हैं।

मेरी कक्षा का एक ही नारा है
केंद्रीय विद्यालय एक परिवार हमारा है ।

मेरी कक्षा मेरे विद्यालय की शान है।
मेरी कक्षा में शिक्षकों को मिलता सम्मान है।

कविता के प्रमुख बिंदु:

  • कक्षा का महत्व: कविता में कक्षा को विद्यालय का केंद्र बताया गया है। कक्षा में ही विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त करते हैं और एक-दूसरे के साथ मेलजोल बढ़ाते हैं।
  • शिक्षकों का सम्मान: कविता में शिक्षकों को सम्मान दिया गया है। शिक्षक विद्यार्थियों को ज्ञान देने के साथ-साथ उनका मार्गदर्शन भी करते हैं।
  • विद्यार्थियों का व्यवहार: कविता में विद्यार्थियों को भोला और मिलनसार बताया गया है। वे एक-दूसरे के साथ मिलकर पढ़ाई करते हैं और कभी भी झगड़ा नहीं करते।
  • विद्यालय की एकता: कविता में विद्यालय को एक परिवार बताया गया है। सभी विद्यार्थी और शिक्षक मिलकर एक परिवार की तरह रहते हैं।

कविता का संदेश:

यह कविता हमें बताती है कि एक कक्षा सिर्फ पढ़ाई का स्थान ही नहीं होती, बल्कि यह एक ऐसा माहौल होता है जहां हम सीखते हैं, बढ़ते हैं और एक-दूसरे के साथ संबंध बनाते हैं। हमें अपनी कक्षा और शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए।

प्रसंग का निष्कर्ष:

यह कविता एक आदर्श कक्षा का चित्रण करती है। यह कविता सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए प्रेरणादायी है। हमें भी अपनी कक्षा को एक आदर्श कक्षा बनाने का प्रयास करना चाहिए।

इस प्रसंग का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जा सकता है:

  • स्कूल के वार्षिकोत्सव में भाषण देने के लिए।
  • कक्षा में निबंध लेखन प्रतियोगिता के लिए।
  • विद्यालय के समाचार पत्र में लेख लिखने के लिए।
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