हरितालिका तीज!
(घनाक्षरी)
भाद्रपद शुक्ल पक्ष, पावन तृतीया तिथि,
पूजन निर्जला ब्रत,
रखें नारी देश के!
माता रूप मोहनी सी, श्रृँगारित सोहनी सी,
उम्र यश लंबी माँगे,
अपने प्राणेश के!
दृढ़वती धर्मधारी, सुहागिन या कुँवारी,
वर लेती यदि मानें,
ग्रंथों के आदेश के!
मुदित मधुर मन, शिव गौरी आराधना,
श्रद्धा लिये वत्स कल,
पूजा फिर गणेश के!
–राजेश पान्डेय वत्स!
0821(हरितालिका तीज २०७७)