खुशबु-विनोद सिल्ला

खुशबु

फूलों में
होती है खुशबु
नहीं होती फूलों में ही
होती है
कुछ व्यक्तियों के
व्यवहार में भी
होती है
कुछ व्यक्तियों के
किरदार में भी
होती है
कुछ व्यक्तियों के
स्वभाव में भी
होती है
कुछ व्यक्तियों की
प्रवृत्ति में भी
होती है
कुछ व्यक्तियों की
वाणी में भी
लेकिन
उपरोक्त खुशबु के स्वामी
सभी नहीं होते

-विनोद सिल्ला©

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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  1. रचना में विराम चिन्हों का भी प्रयोग करेंगे.

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