दहेज दानव

दहेज दानव

ये दहेज दानव हजारों कन्याएं खा गया।
ये बदलता माहौल भी रंग दिखा गया।।

हर रोज अखबारों में ये समाचार है,
ससुराल जाने से कन्या का इंकार है,
क्यों नवविवाहितों को स्टोव जला गया।।

बिकने को तैयार लङके हर तरह से,
मांगें मोटर कार अङके हर तरह से,
हर नौजवान अपना मोल लिखा गया।।

चाहिए माल साथ में कीमती सामान,
कूंए के मेंढक का बस इतना ही जहान,
ऐसा माहौल बहू को नीचा दिखा गया।।

मोटरसाइकिल, फ्रिज, रंगीन टी० वी०,
साथ में हो नगदी और सुंदर बीवी,
सिल्ला ये विचार इंसानियत को खा गया।।

-विनोद सिल्ला

You might also like