कविता प्रकाशित कराएँ

Tag: *नारी शक्ति पर कविता

  • सर्व शक्ति का रूप है नारी /रचयिता:-डी कुमार–अजस्र

    सर्व शक्ति का रूप है नारी /रचयिता:-डी कुमार–अजस्र

    विधा:- पद्य/कविता विषय:-स्त्री शक्ति की प्रतिमूर्ति रचना शीर्षक:- *सर्वशक्ति का रूप है नारी* रचनाकार नाम :- *डी कुमार–अजस्र(दुर्गेश मेघवाल,बून्दी/राज.)* प्रतियोगिता के लिए:- हाँ प्रतियोगिता नियमावली…

  • सम्भल जाओ आज से- प्रिया सिंह

    सम्भल जाओ आज से- प्रिया सिंह

    सम्भल जाओ आज से- प्रिया सिंह भारत वर्ष की बेटी हूं, समझ गई अपना अधिकार ।अन्याय नहीं सहन करेंगे, अब मेरी भी वाणी में धार।अब…

  • नारी रत्न अमूल्य धरा पर(चौपाई छंद)

    नारी रत्न अमूल्य धरा पर (चौपाई छंद) नारी रत्न अमूल्य धरा पर।ईश्वर रूप सकल सचराचर।।राम कृष्ण जन्माने वाली।सृष्टि धर्म की सत प्रतिपाली।।१.बेटी बहिन मात अरु…

  • छत्तीसगढ़ी कविता – तरिया घाट के गोठ

    ( यह कविता कुछ ग्रामीण महिलाओं के स्वभाव को दर्शाती है जहाँ उनकी दिखावटीपन, आभूषण प्रियता, बातूनीपन  और  कुछ अनछुए पहलू को बताने की कोशिश…

  • शहर शहर निर्भया

    यह रचना हाथरस में हुई घटना पर तथा लचीली व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है!

  • दहेज दानव

    दहेज सामाजिक बुराई पर आधारित कविता

  • ओ नारी- मनीभाई नवरत्न

    ओ नारी- मनीभाई नवरत्न जिन्दगी चले ना, बिन तेरे ओ नारी!उठा ली तूने,  सिर अपने  ऐसी जिम्मेदारी । मर्दों ने नाहक किये खुद पे ऐतबार…

  • हे नारी तू खास है

    चोका:- नारी तू खास है★★★★★ हर युद्ध काजो कारण बनतालोभ, लालचकाम ,मोह स्त्री हेतुपतनोन्मुखइतिहास गवाहस्त्री के सम्मुखधाराशायी हो जाताबड़ा साम्राज्यशक्ति का अवतारनारी सबला।स्त्री चीर हरण…

  • नारी चेतना पर कविता

    नारी चेतना पर कविता ऐ! नारीतू करती है अराधनाउन अराध्यों कीजो हैं तेरे दोषीकिया शोषण सदैवजिन्होंने तेरा समझा तुझेश्रंगार-रस कीविषय-वस्तुनहीं दिया हकसमानता काकिया सदैव भेदभाव…

  • नारी की व्यथा पर कविता

    नारी की व्यथा पर कविता

    महिला (स्त्री, औरत या नारी) मानव के मादा स्वरूप को कहते हैं, जो स्त्रीलिंग है। महिला शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। किन्तु कई संदर्भो में यह…