हे नारी तू खास है

चोका:- नारी तू खास है
★★★★★

हर युद्ध का
जो कारण बनता
लोभ, लालच
काम ,मोह स्त्री हेतु
पतनोन्मुख
इतिहास गवाह
स्त्री के सम्मुख
धाराशायी हो जाता
बड़ा साम्राज्य
शक्ति का अवतार
नारी सबला।
स्त्री चीर हरण से
कौरव नाश
महाभारत काल
रावण अंत
सीता हरण कर
स्त्री अपमान
हर युग का अंत।
आज का दौर
नारी सब पे भारी
गर ठान ले
दिशा मोड़े जग का
सहनशील
प्रेम त्याग की देवी
धैर्य की धागा
बांधकर रखती
देवों का वास
तेरे आस पास है।
हे नारी तू खास है।

✍मनीभाई”नवरत्न”

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

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