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जीवन विद्या प्रार्थना

जीवन विद्या प्रार्थना

कविता संग्रह
कविता संग्रह

वन्दना उनकी करें, जिनसे सुशोभित है धरा ।
जिनसे है मानव का पथ, प्रकाश ज्योति से भरा ।।
जिनसे दिशा हमको मिली, नित मानवीय मार्ग की ।
पथ मिला निश्चित हमें थी, कामना जिस मार्ग की ।
कृतज्ञता से सौम्यता की, नित्य आयी निरन्तरा ।
जिनसे है मानव का पथ, प्रकाश ज्योति से भरा ॥
जिनका है चिन्तन शुभ यही, कैसे हो मानव सुखमयी ?
प्रेरणा से जिनकी है, मानव का जीवन सुखमयी ।।
श्रद्धा समर्पित जिनसे आये, मानवीय परम्परा ।
जिनसे है मानव का पथ, प्रकाश ज्योति से भरा ।।
सबके सुख की कामना ले, रहती जिनकी प्रेरणा ।
निकली जिनसे मानवीय पथ, हेतु निश्चित योजना ।।
पूज्यता उत्त हेतु जिनसे, हो सुसज्जित हो बसुन्धरा ।
जिनसे है मानव का पथ, प्रकाश ज्योति से भरा।

प्रदीप पूरक
गोविन्दपुर, बिजनौर

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