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तू प्यार का सागर है (Tu Pyar Ka Sagar Hai)

तू प्यार का सागर है (Tu Pyar Ka Sagar Hai)

kavita
sarv-dharm-prarthna

तू प्यार का सागर है,
तेरी एक बूँद के प्यासे हम ।
लौटा जो दिया तूने,
चले जायेंगे जहां से हम ।
तू प्यार का सागर है..॥

घायल मन का पागल पंछी,
उड़ने को बेकरार ।
पंख हैं कोमल, आँख है धुंदली,
जाना है सागर पार ।
अब तू ही इसे समझा,
राह भूले थे कहाँ से हम ।
तू प्यार का सागर है..॥

इधर झूम के गाए जिन्दगी,
उधर है मौत खड़ी ।
कोई क्या जाने कहाँ है सीमा,
उलझन आन पड़ी ।
कानों में ज़रा कह दे,
कि आएं कौन दिशा से हम ।
तू प्यार का सागर है..॥

तू प्यार का सागर है,
तेरी एक बूँद के प्यासे हम ।
लौटा जो दिया तूने,
चले जायेंगे जहां से हम ।
तू प्यार का सागर है..॥

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