किताब की महत्ता पर रमा की कविता

किताब की महत्ता

*किताब*

नित किताब को मनुज पढ़,
करले अर्जित ज्ञान।
दिव्य आचरण तब बने,
मिले जगत सम्मान।।

सारे किताब श्रेष्ठ हैं,
करना मत तू मोल।
शिक्षित होने के लिए,
दिव्य ज्ञान मन घोल।।

पढ़ना लिखना सीख कर,
करलो नेकी कार्य।
पोथी पठन कर भव में,
विद्या कर सिर धार्य।।

ज्ञानालय में बैठकर,
पढ़ते सभी किताब।
विद्या धन संचरण कर,
जीवन लगे गुलाब।।

नित्य किताबों से मिले,
शिक्षाप्रद अति ज्ञान।
लगनशील अध्ययन से,
बने प्रबल इंसान।।



*~ मनोरमा चन्द्रा “रमा”*
*रायपुर (छ.ग.)*

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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