कर्म की राह पर – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में प्रयास और कोशिश अर्थात कर्म के माध्यम से आगे बढ़ने को प्रेरित किया गया है|
कर्म की राह पर - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

कविता संग्रह
कविता संग्रह

कर्म की राह पर – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

कर्म की राह पर
कर्म का आँचल पकड़
पथ- प्रदर्शक बन
ओरों को राहें दिखा

कर्म की प्रधानता
बनाती महान है
सफलता की सीढियां
चूमती चरण सभी के

कर्म के महत्व को
बखानते धर्म ग्रन्थ
प्रफुल्लित कर मन को
दिखाते नई राह हैं

कर्महीन बन धरा पर
अस्तित्व पर संकट न बन
जीवन को बंधन मुक्त कर
कर्म धरा पर उतर

कर्म कर अर्जुन महान
कर्म कर गाँधी महान
कर्म कर अब्दुल महान
कर्म कर महान बन

पथ – प्रदर्शक बन सभी का
कर्म का विधान बन
कर्म की राह पर
कर्म का आँचल पकड़

पथ- प्रदर्शक बन
ओरों को राहें दिखा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *