माँ सिद्धिदात्री पर कविता

माँ सिद्धिदात्री पर कविता

माता दुःखनिवारिणी ,सभी सुखों की धाम।
सिद्धिदात्री रूप नवम,छविअम्बाअभिराम।।
छवि अम्बा अभिराम, करो मात आराधना।
करती भव से पार ,शक्ति की करो साधना।।
कहता कवि करजोरि, छूटता दुख से नाता।
करता है जो भक्ति , मुक्ति देती है माता।।
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करता है जो मात की, जप तप पूजा ध्यान।
करती देवी भक्त के , कष्टों का अवसान।।
कष्टों का अवसान , हो पूरण हर कामना।
चतुर्भुजा हे मात , सभी करें हम साधना।।
कहत नवल करजोरि,ध्यान जो माँ काधरता।
मिलतीशक्तिअपार,भक्ति जो माँ की करता।।

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©डॉ एन के सेठी

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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