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बापू जी को नमन -अकिल खान

बापू जी को नमन -अकिल खान

mahatma gandhi
mahatma ghandh


जन्म लिए एक महान संत स्थान था पोरबंदर,
नाम था महात्मा गांधी अहिंसा के थे समंदर।
दुःखी अश्वेतों को अफ्रीका में दिलाई आजादी,
महात्मा गांधीजी थे कर्तव्यपरायण-सत्यवादी,
अहिंसा से करते थे अन्यायीयों का दमन,
सत्य-अहिंसा के पुजारी,बापू जी को नमन।

जर्रा-जर्रा कह उठा,देश से गोरों को है भगाना,
गोरों को भगाकर,देश भक्ति का गीत है गाना।
गांधी जी,कई आंदोलनों का किए थे नेतृत्व,
दांडी यात्रा में अर्पित किए अपना व्यक्तित्व।
आजादी के लिए पुकारती थी,धरती-गगन,
सत्य-अहिंसा के पुजारी,बापू जी को नमन।

आजादी की वीर-गाथा हर कोई गाया था,
बूढ़े हिन्दुस्तान में फिर से जवानी आया था।
असंख्य-क्रांतिकारियों का था अहम योगदान,
भगत सिंह जैसे वीरों का मैं करूं नित गुणगान।
स्वतंत्रता सेनानियों का बन गया था जमघट,
धीरे-धीरे आजादी की आने लगी थी आहट।
कह उठी मिट्टी,जल,चारों दिशाएं ये पवन,
सत्य-अहिंसा के पुजारी,बापू जी को नमन।

संघर्ष-बलिदानों से गोरों की आरंभ हुई बर्बादी,
15अगस्त1947 को भारत को मिली आजादी।
30जनवरी1948 को बापू जी हो गए शहीद,
रोई-सारा संसार,हर एक हुआ उनका मुरीद।
गम में डूबा सारा जहाँ,शोक की लहर चली,
महात्मा गाँधी जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
कहता है”अकिल” हमेशा देश की करो रक्षा,
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का करो समीक्षा।
न खिला है,न खिलेगा,ऐसा कोई भी चमन,
सत्य-अहिंसा के पुजारी,बापू जी को नमन।

अकिल खान,रायगढ़. जिला-रायगढ़ (छ.ग)

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