तटरक्षक दिवस पर कविता

 हर साल 1 फरवरी को मनाया जाता है। 1 फरवरी 1977 को भारत में एक अंतरिम तटरक्षक संगठन के गठन का निर्णय लिया गया। तटरक्षक या तटरक्षक बल एक नौसेना के समान सैन्य या अर्द्ध-सैन्य संगठन होता है, परन्तु इसका मुख्य कर्तव्य आतंकवाद और अपराध से एक देश के समुद्री क्षेत्रों की रक्षा करना है, इसके अतिरिक्त यह खतरे में पड़े पोतों और नौकाओं को बचाने का कार्य भी करते हैं। भारत का बल भारतीय तटरक्षक कहलाता है।

भारतीय तटरक्षक दिवस पर कविता

तटरक्षक दिवस पर कविता
भारतीय तटरक्षक दिवस

समन्दर का शूरवीर – सन्त राम सलाम


भारतीय तटरक्षक पर हमें गर्व है,
पांचो क्षेत्र से सुरक्षा बल करता है।
मुम्बई ,गांधीनगर और पोर्टब्लेयर,
चेन्नई और उत्तर पूर्वी कोलकाता है।।

अथाह समंदर की सुरक्षा करने ,
जब युद्ध पोत सागर में उतरता है।
जल के नीचे विध्वंसक पनडुब्बी,
आसमान में भी जहाज गरजता है।।

थर-थर कांपते हैं दुश्मनों की टोली,
भारत की गोला-बारूद बरसता है।
दहलता है शरहद बहती है खून,
दुश्मन एक बूंद पानी को तरसता है।।

१५०जहाज,६०विमानों की लश्कर,
समुद्री सरहद की रखवाली करता है।
७५०० कि.मी. लम्बी तट पर सतत् ,
जवान पूर्ण रूप से सुसज्जित रहता है।।

समुद्र में भारत के राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार,
जहां तक से भारत का सीमा बनता है।
पेट्रोलियम, तेल, खनिज और मछली,
तस्करों से जान माल की रक्षा करता है।।

वज्र, फ्रिगेट,आई एन एस, विध्वंसक,
हमारे समुद्री मिशन को पूरा करता है।
वयम रक्षाम: या हम रक्षा करते हैं,
तट रक्षक बल गर्व से यही कहता है।।
स्वरचित,,,,

सन्त राम सलाम
भैंसबोड़ (बालोद) छत्तीसगढ़।

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कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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