बापू की यादें – सन्त राम सलाम

बापू की यादें – सन्त राम सलाम

mahatma gandhi
mahatma ghandh


मोहन दास करम चन्द गाॅधी,
बालक पन में तेरा नाम धरे।
तोड़े गुलामी अंग्रेजी हुकूमत,
स्वदेश भारत को आजाद करे।।

बने बैरिस्टर दक्षिण अफ्रीका में,
लौटे स्वदेश तो सुंदर पैरवी करे।
लोहा तो लोहा को काटता है,
अद्भुत सूत्र को अपने मन में धरे ।।

2 अक्तूबर 1869 में जन्म लिए,
पुतली बाई धरे सुंदर कोरा में ।
करम चन्द के तैं बन गए दुलरूवा ,
करस्तूरबा संग बंधे शादी फेरा में ।।

नमक कानून तोड़ दाण्ड़ी यात्रा,
चले करस्तूरबा तेरे संग संग में ।
अमूल्य जीवन को करे समर्पण,
राष्ट्र भक्ति बसे हैं तेरे रग रग में ।।

चरखा चला-चला सूत को काते,
बड़ सुन्दर दोनों कान चश्मा धरे।
खादी की धोती तेरा खुला बदन,
एक छोटा गमछा तेरे अंग में परे ।।

देश हुआ आजाद स्वतंत्र भारत ,
नाथूराम गोड़से के नफरत भड़के।
प्रार्थना सभा प्रस्थान करे महात्मा,
चले बंदूक तो जीवन को झटके ।।

सन्त राम सलाम
भैंसबोड़ (बालोद) छत्तीसगढ़

दिवस आधारित कविता