दुर्गा मां शक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी हैं जिन्हें देवी, शक्ति और पार्वती,जग्दम्बा और आदि नामों से भी जाना जाता हैं । शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं जिनकी तुलना परम ब्रह्म से की जाती है। दुर्गा को आदि शक्ति, प्रधान प्रकृति, गुणवती योगमाया, बुद्धितत्व की जननी तथा विकार रहित बताया गया है। वह अंधकार व अज्ञानता रुपी राक्षसों से रक्षा करने वाली तथा कल्याणकारी हैं। उनके बारे में मान्यता है कि वे शान्ति, समृद्धि तथा धर्म पर आघात करने वाली राक्षसी शक्तियों का विनाश करतीं हैं। इन्ही माँ पर एक छोटी सी कविता

माँ जगदम्बे
मां दुर्गा

मां तू शक्ति स्वरूपा है

मां तू शक्ति स्वरूपा है –
तू दुर्गा है
दुर्गा दुर्गतिनाशिनी
तू मातृरूपा है
तू ब्रह्मांड -निर्मात्री है
तू हर रूप में पूजनीय है
तू हर युग में वंदनीय है
तू शिव-रूपा है
तू चामुंडा है
तेरी विशाल भुजाओं में
सैकड़ों हाथियों का बल है
तू महिषासुरमर्दिनी है
तू चंड -मुंड संघारिणी है
तू काली है
तूने रक्तबीज के शोणित का पान किया
तू मुक्ति दिलाने वाली है
तू अधर्म -नाशिनी है
तू धर्म -व्यापिनी है
तू शत्रु-नाशिनी है
तू दुख-तारिणी है
तू नारी -शक्ति है
मां तू अभेद्य है
अदम्य है , अद्वितीय है
तू नारी शक्ति का आगर है
तेरी महिमा अपरंपार है
मां के रूप को मेरा बारंबार प्रणाम है।

चारूमित्रा