मेघ पर दोहे – डॉ एन के सेठी

मेघ पर दोहे – डॉ एन के सेठी

बरस रहें हैं मेघ अब, करे गर्जना घोर।
नदियाँ जल से पूर्ण है,हरियाली चहुँओर।।

मौसम है बरसात का, लाए मेघा नीर।
झूम रहा मनमस्त हो,पुलकित हुआशरीर।।

उमड़ घुमड़आई घटा,बिजली करे उजास।
मेघों से बरसे अमृत, मन में हो विश्वास।।

दादुर टर्राने लगे, झींगुर करते शोर।
देख उमड़ते मेघ को , नाच रहा है मोर।।

अम्बुद बादलअरु जलद,मेघ अरु घनश्याम।
तोयद जलधर वारिधर, अब्र पयोधर नाम।।

© डॉ एन के सेठी

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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