मित्रता की शान

– मित्रता की शान –

kavita

मित्र है बहुमूल्य उपहार,
करो इनका सदैव सत्कार।
सच्चा-मित्र है गुणों का खान,
मित्र का करो नित-सम्मान।
सच्चे मित्र पे मैं हर-पल जाऊँ कुर्बान,
विश्वास का रिश्ता , मित्रता की शान।

भुखा रहकर हमको खिलाया,
खुद जाग कर हमको सुलाया।
हजारों में सबसे न्यारा – प्यारा,
दुःख में जो संँवारा मित्र हमारा।
वफादार – मित्र की यही है पहचान,
विश्वास का रिश्ता, मित्रता की शान।

विश्वास का है ये कोमल डोर,
लेकर जाए सत्मार्ग की ओर।
नाम सुनकर भुल जाऐं शत्रुता,
ऐसा है कृष्ण सुदामा की मित्रता।
रंज-ओ-गम में जो दे सच्चा – ज्ञान,
विश्वास का रिश्ता, मित्रता की शान।

कठिन वक्त में देकर साथ,
रहे हमेशा दिन हो या रात।
मित्र बनाओ पहचान कर,
सही- गलत को जानकर।
मित्रता है अनमोल धरोहर,
भावनाओं का है ये सरोवर।
मित्र बनाओ कहता है अकील खान,
विश्वास का रिश्ता, मित्रता की शान।

—–अकिल खान रायगढ़ जिला – रायगढ़ (छ.ग.) पिन – 496440.

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