माँ ममता की मूरत पर कविता

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है।

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माँ पर कविता

माँ ममता की मूरत पर कविता

ममता की मूरत होती है माँ,

अपनी फर्ज निभाती है माँ।

प्रीत सरस दिखाती है माँ,

जीवन में खुशियाँ लाती है माँ।

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झट समस्या पढ़ लेती है माँ,

मन ही मन गढ़ लेती है माँ।

नित्य समर्पण करके माँ,

अतुलित मनसुख देती है माँ।

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लोरी गाकर गुनगुनाती माँ,

आँचल में ओ छुपाती है माँ।

अपनी निंदिया खोती  है माँ,

झूला झुलाकर सुलाती है माँ।

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रचनाकार-डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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