साहस पर कहानी

साहस पर कहानी

प्रीति अपने बच्चों के साथ एयरपोर्ट पर अपने पति को छोड़ने गई थी।प्रीति ने अपने पति से कहा-“संजय जल्दी आना।संजय-“हाँ प्रीति मीटिंग के बाद आ जाऊँगा,घूमने नहीं जा रहा हूँ।
फ्लाईट आधे घण्टे बाद अमेरिका के लिए उड़ान भरने वाली थी।संजय की फ्लाइट गंतव्य की ओर उड़ान भर चुकी थी।प्रीति अपने बच्चों को लेकर घर जाने के लिए निकल पड़ी,रास्ते में रात का खाना होटल में खा लिए। रात के ग्यारह बज रहे थे,सड़कों में गाड़ियों के लाइट से प्रकाश फैला हुआ था,स्ट्रीट लाइट भी शहर को रोशन कर रहा था।प्रीति अपने खुद के बंगले के पास पहुँच चुकी थी।प्रीति ने घर का दरवाजा खोला,थोड़ी देर बाद वाश रूम से फ्रेस होने के बाद बच्चों के साथ सीधे बेड रूम में सोने चली गई।गहरी नींद लगने के बाद गुलदस्ता गिरने की आवाज सुन कर प्रीति जाग गई।मोबाइल चेक की,रात के दो बज रहे थे,सोची बिल्ली होगी पर ऐसा लगा घर के अंदर कोई है समझ नहीं आया क्या करे किसे फोन करे,सीढ़ियों से किसी के चढ़ने की आवाज आई,वह बहाना कर लेटी रही।थोड़ी देर में समय ने करवट ली फिर आलमारी तोड़ने की आवाज आई।प्रीति हिम्मत कर के खाँसने की आवाज की चोर दुबक गया।प्रीति किचन की ओर गई,डिब्बा खोला मिर्ची पावडर हाथों में लेकर आलमारी की ओर गई,मून लाइट की रोशनी में एक आदमी चाकू लहराता हुआ प्रीति की ओर आने लगा।प्रीति उस आदमी का अपने पास आने का इंतजार कर रही थी चोर के पास आते ही मिर्ची पावडर उसके आँखों में दे मारी।मिर्ची पावडर लगते ही चोर दीवार से जा टकराया,प्रीति ने उसको धक्का दिया चोर किचन के अंदर आ गया।प्रीति बाहर से दरवाजा लगा कर पुलिस को फोन कर सूचना दी।आधे घण्टे में पुलिस आने के बाद किचन का दरवाजा खोल कर पुलिस वाले चोर को धुनते हुए थाने ले जाने लगे।पुलिस वालों ने कहा-आपके साहस के वजह से यह शातिर चोर आज पकड़ा गया।प्रीति ने कहा-आप लोगो का धन्यवाद।पुलिस चोर को ले जा चुके थे,प्रीति राहत की साँस लेकर बिस्तर में लेट गई।

राजकिशोर धिरही
तिलई जांजगीर छत्तीसगढ़

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