नमन करुँ मैं अटल जी

नमन करुँ मैं अटल जी

नमन करुँ मैं अटल जी तुमको नत हो बारम्बार,
जन्म लिया भारत भूमि पर ,जन नेता अवतार।


बन अजातशत्रु तुमने मन मोह लिया जन जन का
भारत माँ पे निछावर हो,अर्पण किया तन मन का
नमन करुँ हे संघ प्रचारक, कवि हृदय जन नेता।
राजनीति के प्ररेक पोषक,राष्ट्र भक्ति प्रणेता।


नमन करे ये कलम लेखनी ,बुझी हुई बती को
जिसने जीवित कर दी है भारत की थाती को।
नमन करुँ हे ओज दिवाकर, त्याग तुम्हारा अर्पण
अश्रु पूरित नैनों से मैं करती सुमन समर्पण

सरिता कोहिनूर

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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