पाँच वर्ष का है त्यौहार
पाँच वर्ष का है त्यौहार
लोकतंत्र का रखना मान।जाकर करना तुम मतदान।
पाँच वर्ष का है त्यौहार।चुन लेना अपनी सरकार।
मत आना लालच में आप।वोट बेंचना होता पाप।
सुधरे भारत की हालात।संसद भेजो रखने बात।
लालच में आकर ना खोय।मत अपनी जस बेटी होय।
पहनो या पहना लो ताज।सुंदर हो भारत का राज।
संविधान देता अधिकार।जाने भारत को संसार।
नर नारी सब एक समान।कर लें जाकर के मतदान।
राजकिशोर धिरही
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद